1. अवगुण नाब मै एक के छेद सामान है , जो चाहे छोटा हो जा बड़ा एक
दिन उसे डुबो देता है !
-कालिदास
2. सज्जन पुरष बिना कहे ही दुसरो कि आशा पूरी कर देते है! जैसे सूर्य
स्वयं ही घर घर जाकर परकाश फैला देता है !
-कालिदास
3. सब प्राचीन अच्छा और बुरा नहीं होता ! बुदिमान पुरष स्वयं परीक्षा
द्वारा गुण-दोषों का विवेचन करते है !
-कालिदास
4. सज्जन पुरष बादलो के समान देने के लिए ही कोई वस्तु ग्रहण करते है !
-कालिदास
5. कम कि समाप्ति संतोषप्रद हो तो परिश्रम कि थकान याद नहीं रहती !
-कालिदास
6. उदय होते समय सूर्य लाल होता है और अस्त होते समय बी ! इसी
परकार संपत्ति और विपत्ति के समय महान पुरुषों मै एकरूपता होती है !
-कलिदास
7. यशस्वियों का कर्तव्य है कि जो अपने से होड़ करे उससे अपने जश कि रक्षा बी करे !
-कालिदास
8. पृथ्वी पर तीन रत्न है ! जल अन्न और सुभाषित लेकिन अज्ञानी पत्थर
के टुकडो को ही रत्न कहते है !
-कालिदास
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