भिवानी (हरियाणा) में अलखपुरा गांव केबलवान सिंह (52) पेशे से किसान हैं। पढ़ाई भले दसवीं तक ही कर पाए, पर विज्ञान में उनकी दिलचस्पी कम नहीं हुई।
खेती करते-करते, उन्होंने प्याज की ऐसी किस्म विकसित कर दी, जो न सिर्फ प्याज की बाकी किस्मों की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा पैदावार देती है, बल्कि कोल्ड स्टोरेज के बिना भी उसे लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने इसे ‘बलवान प्याज’ नाम दिया है। प्याज ही नहीं, वह हरी मिर्च की भी ऐसी ही किस्म विकसित कर चुके हैं और मिर्च को भी उन्होंने अपना ही नाम दिया है।
बलवान केमन में प्याज की नई किस्म तैयार करने का ख्याल पहली बार 1984 में आया। इससे पहले मन न लगने की वजह से वह भारतीय सेना और जिंदल स्टील की नौकरी छोड़ चुके थे। बलवान कहते हैं, ‘मेरा भाई पड़ोस केगांव से गहरे लाल रंग की प्याज लेकर आया। मैंने उसे अपनी क्यारियों में बोया और उसकी छंटाई की। जो प्याज पैदा हुई, उसका अच्छा हिस्सा छंटाई करके फिर निकाल लिया।
छंटाई और सुधार की इसी प्रकिया को जारी रखा। कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से मैंने ऐसे उपाय किए कि प्याज को कीड़ों से बचाया जा सके। 10 साल की मेहनत केबाद मैंने प्याज की नई किस्म विकसित कर दी।’ हिसार की चौधरी चरण सिंह एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने उनकी मेहनत को मान्यता दी। वहां टेस्टिंग में उनकी प्याज की पैदावार 368 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पाई गई। बलवान के मुताबिक, ‘मेरे प्याज की औसत पैदावार 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जबकि दूसरे प्याज औसतन 125 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार देते हैं।’
बलवान का खेत उनके लिए किसी प्रयोगशाला से कम नहीं है। यहां वह प्याज और हरी मिर्च केबीज तैयार करते हैं। उनकेबीज की मांग उत्तर प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, बिहार और राजस्थान समेत कई राज्यों में है। पिछले साल उन्होंने लगभग 80 किलो प्याज और 20 किलो मिर्च के बीज बेचकर तकरीबन 1.25 लाख रुपए और इतनी ही रकम खेती करकेजुटाई।
बलवान प्याज 6 महीने तक खराब नहीं होती। उनकी मिर्च भी 1 महीने तक हरी रहती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ज्यादा तापमान में भी उनकी प्याज और मिर्च अच्छी पैदावार देती है। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल प्याज के लिए 5 लाख रुपए नकद और प्रशस्ति पत्र देकर बलवान को सम्मानित कर चुकी हैं। बलवान प्याज का जल्द ही पेटेंट होने वाला है। पूसा इंस्टीट्यूट उनकी मिर्च का पूरे देश में ट्रायल करवा रहा है। अगर मिर्च का ट्रायल सफल रहा तो उसका भी पेटेंट होगा।
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