बातें छोटी है,पर बहुत मोटी हैं। अगली बार इनका ध्यान जरूर
रखिएगा,ताकि आपके शब्दों के साथ-साथ आपका शरीर भी सच बोले और
आप एक सफल इंसान बनें। वाकई इंटरव्यू के दौरान सिर्फ अच्छा
दिखना,अच्छी डिग्री होना ही काफी नहीं, बॉडी लैंग्वेज भी महत्वपूर्ण है। वह
विचार जो हमारे मन में आते हैं और हम उन्हें बोल नहीं सकते,शरीर से
आंगिक भाषा के रूप में बाहर आते हैं। ऐसे में कई बार न चाहते हुए भी
शरीर से कुछ ऐसा बोल जाते हैं,जो इंटरव्यू में आपकी सफलता में बाधा
पहुंचाता है। गौर करें इन बातों पर-
फाइल को अपने बायें हाथ में पकड़ कर अंदर प्रवेश करें,ताकि आपका
दाहिना हाथ खुला हो और जरूरत होने पर आप हाथ मिला सकें। किसी भी
एक्टिविटी के लिए इस हाथ को खुला रखें। फाइल को छोती से लगाकर न
रखें।
की भी दस्तक दिए बगैर अंदर न जाएं। वहां ठहर कर दरवाजे को दस्तक दें
और आदेश मिलने पर ही अंदर जाएं। तब तक नहीं बैठिए,जब तक कि
आपसे कहा न जाए। बैठते वक्त धन्यवाद दीजिए।
चेहरे पर एक स्माइल रखिए। यह न लगे कि आपको जबरदस्ती अंदर
भेजा जा रहा है। इंटरव्यू के दौरान कुछ चबाते रहना बुरी आंगिक भाषा है।
अपनी कुर्सी को इंटरव्यू लेने वाले के ठीक सामने नहीं रखिए। बैठते वक्त
कुर्सी को खिसकाकर 60 या 45 डिग्री का कोण बना लें, यानी थोडा तिरछा
होकर बैठें। पूरी कुर्सी पर न बैठकर कुर्सी के बीचोंबीच बैठिए।
अपना कोई भी सामान टेबल पर मत रखिए। टेबल आपका स्पेस नहीं है।
टांगें हिलाते रहना,कुर्सी के बाजू पकड कर हाथ घुमाना,टांगें फंसाकर कुर्सी
के नीचे करना आदि बातें नर्वस होने की निशानी हैं। इसलिए ऐसा न करें।
बात करते वक्त या सुनते वक्त सामने वाले की आंखों में जरूर देखिए।
इससे
आपका आत्मविश्र्वास झलकता है।
बात करते वक्त चेहरे,आंख,नाक या मुंह को टच मत कीजिए। यह इस बात
का संकेत देता है कि आप पूरी तरह से सच नहीं बोल रहे।
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