सूफी गुरु से एक शिष्य ने पूछा – “दुनिया में शांति और पवित्रता कैसे आएगी?”
सूफी गुरु ने कहा – “दमिश्क में अल-कुमासी नामक एक शेख रहता था. उसके इल्म और अच्छाई की सब मिसाल देते थे लेकिन हक़ीक़त में किसी को यह पता नहीं था कि वह वाकई भला आदमी है भी या नहीं.”
“एक रोज़ किसी वज़ह से शेख का घर ढह गया और शेख और उसकी बीवी मलबे में दब गए. घबराए हुए पड़ोसियों ने मलबे में उनकी तलाश शुरू कर दी. उन्होंने शेख की बीवी को खोज लिया. बीवी ने पड़ोसियों को देखते ही कहा – “मेरी फ़िक्र मत करो और पहले मेरे शौहर को बचाओ! वे उस कोने में बैठे हुए थे!”
“पड़ोसियों ने बीवी की बताई जगह पर से मलबा हटाया और उन्हें लकड़ी की एक शहतीर के नीचे दबा शेख दिख गया. उन्हें देखते ही शेख ने चिल्लाकर कहा – “मैं ठीक हूँ! पहले मेरी बीवी को बचाओ! बेचारी उस कोने में कहीं दबी होगी!”
“जब भी कोई व्यक्ति ऐसा आचरण करेगा जैसा इन पति-पत्नी ने किया तो वह दुनिया में शांति और पवित्रता में इजाफ़ा ही करेगा”
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