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लिखिए अपनी भाषा में

  1. कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है
    मगर धरती की बेचैनी को, बस बादल समझता है
    मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है
    ये तेरा दिल समझता है, या मेरा दिल समझता है

    मोहब्बत एक एहसासो की, पावन सी कहानी है
    कभी कबीरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी है
    यहाँ सब लोग कहते है, मेरी आँखों में आंसू है
    जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है

    समंदर पीर के अंदर है, लेकिन रो नहीं सकता
    ये आंसू प्यार का मोती है , इसको खो नहीं सकता
    मेरी चाहत को दुल्हन तू, बना लेना मगर सुनले
    जो मेरा हो नहीं पाया, वो तेरा हो नहीं सकता

    भ्रमर कोई कुमुदनी पर, मचल बैठा तो हंगामा
    हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
    अभी तक डूब कर सुनते थे, सब किस्सा मोहब्बत का
    हम किस्से को, हकीक़त में, बदल बैठे तो हंगामा

    तुम्हारे पास हूँ लेकिन, जो दूरी है समझता हूँ
    तुम्हारे बिन मेरी हस्ती , अधूरी है समझता हूँ
    तुम्हे मै भूल जाऊँगा, ये मुमकिन है नही लेकिन
    तुम्ही को भूलना सबसे ज़रूरी है समझता हूँ

    मैं जब भी तेज चलता हूँ ,नज़ारे छूट जाते हैं
    कोई जब रूप धरता हूँ , तो साँसे टूट जाती है
    मैं रोता हूँ तो आकार लोग कन्धा थपथपाते हैं
    मैं हँसता हूँ तो अक्सर लोग मुझसे रूठ जाते हैं

    बहुत टुटा बहुत बिखरा, थपेड़े सह नहीं पाया
    हवाओं के इशारो पर मगर में बह नहीं पाया
    अधुरा अनसुना ही रह गया, ये प्यार का किस्सा
    कभी में कह नहीं पाया कभी तुम सुन नहीं पाई

    (डॉ कुमार विश्वास – Dr Kumar Vishwas)

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