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लिखिए अपनी भाषा में

  1. यह बात हमेशा से जगजाहिर रही है कि एक पड़ोसी दूसरे की तरक्की से शायद ही
    खुश होता है. ऐसा ही चीन के मामले में भी नजर आ रहा है. बिहार के नालंदा
    के एक किसान ने धान की पैदावार का विश्व रिकॉर्ड क्या बना लिया, यह बात
    उसके गले ही नहीं उतर रही है. चीन के फादर ऑफ राइस हाइब्रिड के नाम से
    मशहूर यूआन लौंगपिंग ने नालंदा के किसान सुमंत कुमार के इस कीर्तिमान पर
    प्रश्नचिन्ह लगाया है.

    लौंगपिंग के मुताबिक, बगैर रासायनिक खाद और हाइब्रिड के इतनी पैदावार
    संभव नहीं है. सुमंत ने जवाब देते हुए इसे ईष्या भरी टिप्पणी बताया है.
    सुमंत का कहना है, ''मेरी उपज का आकलन खुद मैं नहीं बल्कि सरकारी
    अधिकारी, कृषि वैज्ञानिकों और प्रतिनिधियों की मौजूदगी में किया गया है.
    '' अकेले उनकी ही नहीं बल्कि गांव के चार अन्य किसानों के यहां की उपज भी
    चीन के स्थापित रिकॉर्ड से अधिक दर्ज की गई है.

    सुमंत अपने पिछले रिकॉर्ड को 2012-13 में पार करने की योजना में थे,
    लेकिन सरकारी कार्यक्रमों में व्यस्त रहने और अस्वस्थ हो जाने की वजह से
    वे अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सके. वैसे भी एक ही खेत में दोबारा
    रिकॉर्ड उपज ले पाना मुश्किल होता है, लेकिन फसल चक्र अपनाकर एक अंतराल
    के बाद उसी खेत में रिकॉर्ड उपज मुमकिन है. इस साल भी गांव के संजय कुमार
    ने प्रति हेक्टेयर 140 क्विंटल और विजय कुमार ने 130 क्विंटल धान पैदा
    किया है. यह उपज तब हुई है, जब फसल चक्र का पालन नहीं किया गया और मौसम
    प्रतिकूल रहा है.

    जहां तक रासायनिक खाद और हाइब्रिड के इस्तेमाल की बात है, यह किसी से
    छिपी नहीं है. हाइब्रिड एराइज 6444 और मामूली रासायनिक खाद का उपयोग किया
    गया है. सबसे ज्यादा हरी खाद और ऑर्गेनिक खाद का उपयोग हुआ है, जो सरकारी
    रिकॉर्ड में है. सुमंत कहते हैं, ''लौंगपिंग चाहें तो उनके गांव
    दरवेशपुरा आएं और मेरी खेती को देखें, उनका स्वागत होगा. ये उनकी ईष्या
    है, जो अपने से अधिक पैदावार करने वाले को वे पचा नहीं पा रहे हैं.''
    कृषि विभाग के विशेषज्ञ राजीव रंजन कहते हैं, ''दरवेशपुरा की मिट्टी भी
    रिकॉर्ड पैदावार के लिए उपयुक्त रही है. ''

    सुमंत ने 2011-12 में इस कारनामे को अंजाम दिया था. रिकॉर्ड उपज ने सुमंत
    को किसानों के बीच देश-दुनिया में हीरो बना दिया. इसी साल 15 जनवरी, 2013
    को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें कृषि कर्मण अवार्ड का प्रशस्ति
    पत्र और एक लाख रु. का चेक देकर सम्मानित किया.

    चीन के यूआन लौंगपिंग ने प्रति हेक्टेयर 194 क्विंटल रिकॉर्ड फसल पैदा की
    थी, लेकिन 2012 में नालंदा के सुमंत कुमार ने प्रति हेक्टेयर 224 क्विंटल
    धान का रिकॉर्ड बना कर पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए. लौंगपिंग को इस
    रिकॉर्ड पर ऐतबार नहीं और उन्होंने सवाल खड़ा कर दिया. लेकिन गौर करने
    वाली बात यह है कि हाल ही में बिहार दौरे पर आए नोबेल पुरस्कार विजेता
    जोसेफ स्टिगलिट्ज ने बिहार के किसानों को वैज्ञानिकों से भी होशियार
    बताया है.

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