क्या आप दूध इसलिए नहीं पीते क्योंकि आपको लगता है इसमें मौजूद शक्कर
आपकी आंतें पचा नहीं पाएगी और इससे गंभीर समस्या पैदा हो जाएगी? अगर हां,
तो आप गलत हैं।
बार्सिलोना के हास्पिटल यूनिवर्सिटारी वाल डीहेबरान के शोधकर्ताओं के
मुताबिक लैक्टरोज इनटालरेंस यानी दूध का न पचना सामान्य समस्या है। बहुत
से मरीजों को गलतफहमी होती हैं कि दूध में पाई जाने वाली प्रमुख शुगर
लैक्टोज के कारण इसे पचाने में समस्या आती है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक दूध को आंते आसानी से पचा लेती हैं। इससे पेट में
ऐंठन और गैस जैसी समस्या कम हो जाती है। लैक्टोज को पचाने की क्षमता
आंतों के एंजाइम लैकटेज पर निर्भर करती है।
इस एंजाइम की कमी होने पर बैक्टीरिया बची हुई शुगर को दावत देते हैं।
इससे पेट में ज्यादा गैस बनने लगती है। लैक्टरोज इनटालरेंस के प्रमुख
लक्षण है पेट में दर्द होना पेट फूलना है। यह शोध क्लीनिकल
गैस्ट्रोइंट्रोलाजी एंड हेपाटोलाजी में प्रकाशित हुआ है।
Story
(104)
जानकारी
(41)
वेबसाइड
(38)
टेक्नॉलोजी
(36)
article
(28)
Hindi Quotes
(21)
अजब-गजब
(20)
इंटरनेट
(16)
कविता
(16)
अजब हैं लोग
(15)
तकनीक
(14)
समाचार
(14)
कहानी Story
(12)
नॉलेज डेस्क
(11)
Computer
(9)
ऐप
(9)
Facebook
(6)
ई-मेल
(6)
करियर खबरें
(6)
A.T.M
(5)
बॉलीवुड और मनोरंजन ...
(5)
Mobile
(4)
एक कथा
(4)
पासवर्ड
(4)
paytm.com
(3)
अनमोल वचन
(3)
अवसर
(3)
पंजाब बिशाखी बम्पर ने मेरी सिस्टर को बी दीया crorepati बनने का मोका .
(3)
माँ
(3)
helpchat.in
(2)
कुछ मेरे बारे में
(2)
जाली नोट क्या है ?
(2)
जीमेल
(2)
जुगाड़
(2)
प्रेम कहानी
(2)
व्हॉट्सऐप
(2)
व्हॉट्सेएप
(2)
सॉफ्टवेर
(2)
"ॐ नमो शिवाय!
(1)
(PF) को ऑनलाइन ट्रांसफर
(1)
Mobile Hacking
(1)
Munish Garg
(1)
Recharges
(1)
Satish Kaul
(1)
SecurityKISS
(1)
Technical Guruji
(1)
app
(1)
e
(1)
olacabs.com
(1)
olamoney.com
(1)
oxigen.com
(1)
shopclues.com/
(1)
yahoo.in
(1)
अशोक सलूजा जी
(1)
कुमार विश्वास ...
(1)
कैटरिंग
(1)
खुशवन्त सिंह
(1)
गूगल अर्थ
(1)
ड्रग साइट
(1)
फ्री में इस्तेमाल
(1)
बराक ओबामा
(1)
राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला
(1)
रिलायंस कम्यूनिकेशन
(1)
रूपये
(1)
रेडक्रॉस संस्था
(1)
लिखिए अपनी भाषा में
(1)
वोटर आईडी कार्ड
(1)
वोडाफोन
(1)
लिखिए अपनी भाषा में
-
दूध के फायदे
Thursday, April 4, 2013
Posted by Unknown Email This BlogThis! Share to X Share to Facebook | |
Powered byKuchKhasKhabar.com
0 comments:
Post a Comment
Thankes