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लिखिए अपनी भाषा में

  1. बारिश करने के लिए हमारे देश में यज्ञ और हवन का होना तो आम बात है लेकिन
    इंद्र देवता को खुश करने के लिए मेंढकों की शादी सुनकर आप भी चौंक
    जाएंगे.

    त्रिपुरा और असम के ग्रामीणों ने बारिश के देवता इंद्र को खुश करने के
    लिए एक रस्म के तहत मेंढकों की शादियां रचाई गई. पूर्वोत्तर भारत काफी
    समय से सूखे की चपेट में है. उन्हें आशा है कि इन शादियों से उनका संकट
    दूर होगा.

    फटीकोरी गांव की निवासी संध्या चक्रवर्ती ने बताया, 'हमने वरुण देवता
    (वर्षा देवता) को खुश करने के लिए मेंढकों की शादिया रचाईं.' सोमवार की
    रात इस अनोखी शादी में फटीकोरी और इंदिरा कॉलोनी के सैकड़ों लोगों ने
    हिस्सा लिया.

    महिलाओं के दो दल ने नर मेंढक और मादा मेंढक को अलग-अलग नहलाया. फिर,
    उन्हें शादी के लिए नया कपड़ा पहनाया. मादा मेंढक के गले में हार भी
    पहनाया गया था. एक हिंदू पुरोहित ने परंपरागत तरीके से शादी की रस्म पूरी
    कराई.

    शादी की व्यवस्था करने वाली शिखा सरकार ने कहा, 'शादी के बाद लोग जुलूस
    में गाने गाते मेंढकों के साथ मानू नदी पहुंचे, जहां उन्हें नदी में छोड़
    दिया गया.' मेढकों के बीच शादी हालांकि रात में होती है लेकिन इसकी
    तैयारी सुबह से ही शुरू हो जाती है. इस दिन भोज का आयोजन होता है और लोग
    पूरी रात लोकनृत्य और संगीत का आनंद लेते हैं.

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