वन के पास एक गाँव था |गाँव के लोग लकडिया चुनकर लेट और उन्हें बेच कर
अपना काम चलते |
इसी गाँव की चार औरतों का आपस में मेलजोल था | वे चारो साथ-साथ जंगल जाती
और लकडिया चुनकर लाती थीं | एक दिल वे चारो औरते जंगल में लकडिया चुन रही
थी | वे आपस में बांते भी कर रही थी |
पहली औरत बोली:-"मेरा बेटा बहुत अच्छा है | वह पड़ने में बहुत होस्यार है
| वह कक्षा में हमेशा प्रथम आता है |"
दूसरी औरत बोली :-"मेरा बेटा भी बहुत होनहार है | खेलकूद में हमेशा प्रथम आता है |"
तीसरी और बोली :-"मेरा बेटा भी बहुत होस्यार है | वह कठीन से कठीन काम
जल्दी कर देता है |"
चौथी औरत चुपचाप लकडिया चुन रही थी |उसने अपने बेटे के बारे में खुछ न
कहा | उसे चुचाप देखकर पहली औरत बोली ,"बहन तुम भी अपने बेटे के बारे में
खुछ अच्छा बतावो ना "
चौथी औरत बोली :-"बहन मेरे बेटे में ऐसा कोई गुण नहीं है | वह सीधा शादा है |"
लकडिया इकट्ठी कर चारो ने गठ्ठर बांये और गाँव की और लोट चली | रस्ते में
उन्हें उनके बच्चे मिले |
पहली औरत का बच्चा अपनी माँ के पास आया और खुछ पैसे ले गया, दूसरी औरत का
बच्चा उसके पास आया और बोला "माँ तू खाना बना लेना में देर से आउंगा"
तीसरी औरत के लड़के ने अपनी माँ से कहा की "उसे नया कमीज सिल्वा दे उसका
कमीज फट गया है | चौथी औरत का बच्चा आया और अपनी माँ से बोला "माँ ये
लकड़ी का गठ्ठर मुझे दे दे ये बहुत भारी है |" तभी वो चारो औरते चुप सी
हो गयी | तभी दूसरी औरत चौथी औरत से बोली की "चारो बालको में से सबसे
गुणवान, होनहार, मेहनती तेरा बालक है "
एक सीख:-जो बालक/लड़का अपने माता-पिता की सेवा करता है वो सबसे अधिक
गुणवान, सुन्दर व सुशिल होता है |
अपना काम चलते |
इसी गाँव की चार औरतों का आपस में मेलजोल था | वे चारो साथ-साथ जंगल जाती
और लकडिया चुनकर लाती थीं | एक दिल वे चारो औरते जंगल में लकडिया चुन रही
थी | वे आपस में बांते भी कर रही थी |
पहली औरत बोली:-"मेरा बेटा बहुत अच्छा है | वह पड़ने में बहुत होस्यार है
| वह कक्षा में हमेशा प्रथम आता है |"
दूसरी औरत बोली :-"मेरा बेटा भी बहुत होनहार है | खेलकूद में हमेशा प्रथम आता है |"
तीसरी और बोली :-"मेरा बेटा भी बहुत होस्यार है | वह कठीन से कठीन काम
जल्दी कर देता है |"
चौथी औरत चुपचाप लकडिया चुन रही थी |उसने अपने बेटे के बारे में खुछ न
कहा | उसे चुचाप देखकर पहली औरत बोली ,"बहन तुम भी अपने बेटे के बारे में
खुछ अच्छा बतावो ना "
चौथी औरत बोली :-"बहन मेरे बेटे में ऐसा कोई गुण नहीं है | वह सीधा शादा है |"
लकडिया इकट्ठी कर चारो ने गठ्ठर बांये और गाँव की और लोट चली | रस्ते में
उन्हें उनके बच्चे मिले |
पहली औरत का बच्चा अपनी माँ के पास आया और खुछ पैसे ले गया, दूसरी औरत का
बच्चा उसके पास आया और बोला "माँ तू खाना बना लेना में देर से आउंगा"
तीसरी औरत के लड़के ने अपनी माँ से कहा की "उसे नया कमीज सिल्वा दे उसका
कमीज फट गया है | चौथी औरत का बच्चा आया और अपनी माँ से बोला "माँ ये
लकड़ी का गठ्ठर मुझे दे दे ये बहुत भारी है |" तभी वो चारो औरते चुप सी
हो गयी | तभी दूसरी औरत चौथी औरत से बोली की "चारो बालको में से सबसे
गुणवान, होनहार, मेहनती तेरा बालक है "
एक सीख:-जो बालक/लड़का अपने माता-पिता की सेवा करता है वो सबसे अधिक
गुणवान, सुन्दर व सुशिल होता है |
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Thankes