किताबें हमें अंधेरे से रोशनी की तऱफ ले जाती हैं. किताबें इंसान की सबसे
अच्छी दोस्त होती हैं, क्योंकि अच्छे दोस्त न होने पर किताबें ही हमारी
सबसे अच्छा साथी साबित होती हैं. किताबें कितना सुकून देती हैं, यह कोई
किसी पुस्तक प्रेमी से पूछे. यह कहना क़तई ग़लत न होगा कि किताबें उस
पारसमणि की तरह होती हैं, जिसकी छुअन से अज्ञानी भी ज्ञानी बन जाता है.
बाल गंगाधर ने कहा था, अच्छी किताबों के साथ मैं नर्क में रहने के
प्रस्ताव का भी स्वागत करूंगा. मानव की ज्ञान पिपासा का बेहतरीन साधन
किताबें ही हैं. अब अंतरजाल यानी इंटरनेट के ज़रिए ऑनलाइन किताबें प़ढी
जा सकती हैं. ऐसी अनेक वेबसाइट्स हैं, जहां पर यह सुविधा दी गई है.
ई-किताब यानी इलेक्ट्रॉनिक किताब, जिसका मतलब है डिजिटल रूप में किताब.
ई-किताबें काग़ज़ की बजाय डिजिटल संचिका के रूप में होती हैं, जिन्हें
कंप्यूटर, मोबाइल और इसी तरह के अन्य डिजिटल यंत्रों पर पढ़ा जा सकता है.
इन्हें इंटरनेट पर प्रकाशित भी किया जा सकता है. साथ ही इसका
प्रचार-प्रसार भी आसानी से किया जा सकता है. ये किताबें कई फाइल फॉर्मेट
में होती हैं, लेकिन पीडीएफ यानी पोर्टेबल डॉक्यूमेंट फॉर्मेट सर्वाधिक
प्रचलित फॉर्मेट है.
ग़ौरतलब है कि गूगल ने 6 दिसंबर, 2010 से इलेक्ट्रॉनिक बुक स्टोर की
दुनिया में क़दम रखते हुए अमेजन को टक्कर दी थी. 2004 में गूगल बुक्स
प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद से गूगल ने सौ देशों से चार सौ भाषाओं में
क़रीब डेढ़ करोड़ किताबें डिजिटाइज की हैं. हालांकि लेखकों और प्रकाशकों
ने गूगल के किताबें डिजिटाइज करने पर ऐतराज़ जताया था. जिन किताबों का
कॉपीराइट है या फिर जिनके लेखकों का कोई पता नहीं है, ऐसी किताबें ई-बुक
स्टोर पर नहीं बेची जाएंगी. गूगल पर पढ़ी जा सकने वाली मुफ्त किताबों की
वजह से विवाद भी हुआ, लेकिन गूगल का कहना है कि इससे ज़्यादा लोग किताबें
पढ़ सकेंगे. हमें विश्वास है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा ई-बुक पुस्तकालय
होगा. मुफ्त पढ़ी जा सकने वाली किताबों को मिलाकर इनकी कुल संख्या तीस
लाख से ज़्यादा है. मैकमिलन, रैन्डम हाउस, साइमन एंड शूस्टर जैसे मशहूर
प्रकाशकों की हज़ारों डिजिटल किताबें ई-बुक स्टोर में बेची जाएंगी. जहां
तक क़ीमतों का सवाल है, ई-बुक्स स्टोर की किताबें बाज़ार के हिसाब से
होंगी, जबकि कई फ्री किताबें पहले ही गूगल पर मौजूद हैं. एक शोध के
मुताबिक़, अकेले अमेरिका में ई-बुक डिवाइस का इस्तेमाल करने वाले लोगों
की संख्या 2015 तक 2 करोड़ 94 लाख तक पहुंच जाएगी. फॉरेस्टर सर्वे के
मुताबिक़, ई-बुक पढ़ने वाले लोगों में 35 फीसदी लोग लैपटॉप पर किताब
पढ़ते हैं, 32 फीसदी अमेजन के किंडल पर और 15 फीसदी लोग एप्पल के आई फोन
पर पढ़ते हैं. कई ऐसी वेबसाइट्स हैं, जहां जाकर आप अपनी मनपसंद किताब
प़ढने का लुत़्फ उठा सकते हैं.
www.gutenberg.org
यह वेबसाइट किताबों का खज़ाना है. यहां दुनिया भर की क़रीब 60 भाषाओं में
38 हज़ार किताबें मौजूद हैं, जिन्हें ऑनलाइन प़ढा जा सकता है. यहां
इन्हें डाउनलोड करने की भी सुविधा है. यहां कॉपीराइट फ्री किताबें रहती
हैं. वेबसाइट इन किताबों का ई संस्करण तैयार कराती है. गुटनबर्ग का
लक्ष्य अगले साल तक पुस्तक प्रेमियों को ऑनलाइन एक लाख किताबें मुहैया
कराना है. हर रोज़ दो लाख यूजर इसका इस्तेमाल करते हैं. गुटनबर्ग एक ऐसी
योजना पर काम कर रहा है, जिसके तहत लोग अपनी मर्ज़ी से वेबसाइट को
किताबें दान करते हैं. यहां किताब तलाशना बेहद आसान है.
Books.google.co.in
यहां भी किताबें ही किताबें हैं. यहां पर किसी भी लेखक का नाम या किताब
का नाम सर्च करके अपनी मनपसंद किताब तक आसानी से पहुंचा जा सकता है. यहां
भी गीत, ग़ज़ल, कहानी, उपन्यास सहित विभिन्न विषयों पर आधारित किताबें
मौजूद हैं. किसी की आत्मकथा प़ढनी हो, किसी की जीवनी प़ढनी हो या कोई और
रचना, सब कुछ यहां एक क्लिक की दूरी पर उपलब्ध है.
www.bartleby.com
यह वेबसाइट भी बहुत पसंद की जाती है. इस वेबसाइट पर इनसाइक्लोपीडिया,
रिफ्रेंस बुक, शब्दकोष भी हैं. साहित्य और पत्रकारिता के छात्र इसे खूब
पसंद करते हैं. कुल मिलाकर यह वेबसाइट छात्रों, विशेषकर शोध के छात्रों
के लिए बेहद उपयोगी है.
Onlinebooks.library.upenn.edu
इस वेबसाइट पर भी सैक़डों किताबें मौजूद हैं. यहां आप अपनी मनपसंद
किताबें प़ढ सकते हैं. यहां भी कॉपीराइट फ्री किताबें उपलब्ध हैं. इसके
प्रशंसकों की तादाद भी दिनोंदिन ब़ढ रही है.
www.free-ebooks.net
यहां नए लेखकों की रचनाएं रहती हैं. यहां आपको विभिन्न विषयों पर रोचक
किताबें मिल जाएंगी. यहां विभिन्न विषयों की उपयोगी किताबें हैं. यहां पर
अलग-अलग फॉर्मेट में किताबें उपलब्ध हैं. आप अपनी सुविधा के हिसाब से कोई
भी फॉर्मेट चुन सकते हैं.
www.easylib.com
यहां भी सैक़डों किताबें मौजूद हैं. आप किसी भी विषय से संबंधित किताबें
यहां देख सकते हैं.
www.amazon.co.uk
यहां भी किताबों का खज़ाना मौजूद है. इस वेबसाइट पर ऑनलाइन किताबें
खरीदने की सुविधा भी दी गई है. अलबत्ता, आप मनपसंद किताबों को डाउनलोड कर
अपनी एक डिजिटल लाइब्रेरी भी बना सकते हैं, ताकि जब चाहें, किताबों को
आसानी से प़ढ सकें. ये किताबें दोस्तों और परिचितों को बतौर उपहार भी
भेजी जा सकती हैं.
अच्छी दोस्त होती हैं, क्योंकि अच्छे दोस्त न होने पर किताबें ही हमारी
सबसे अच्छा साथी साबित होती हैं. किताबें कितना सुकून देती हैं, यह कोई
किसी पुस्तक प्रेमी से पूछे. यह कहना क़तई ग़लत न होगा कि किताबें उस
पारसमणि की तरह होती हैं, जिसकी छुअन से अज्ञानी भी ज्ञानी बन जाता है.
बाल गंगाधर ने कहा था, अच्छी किताबों के साथ मैं नर्क में रहने के
प्रस्ताव का भी स्वागत करूंगा. मानव की ज्ञान पिपासा का बेहतरीन साधन
किताबें ही हैं. अब अंतरजाल यानी इंटरनेट के ज़रिए ऑनलाइन किताबें प़ढी
जा सकती हैं. ऐसी अनेक वेबसाइट्स हैं, जहां पर यह सुविधा दी गई है.
ई-किताब यानी इलेक्ट्रॉनिक किताब, जिसका मतलब है डिजिटल रूप में किताब.
ई-किताबें काग़ज़ की बजाय डिजिटल संचिका के रूप में होती हैं, जिन्हें
कंप्यूटर, मोबाइल और इसी तरह के अन्य डिजिटल यंत्रों पर पढ़ा जा सकता है.
इन्हें इंटरनेट पर प्रकाशित भी किया जा सकता है. साथ ही इसका
प्रचार-प्रसार भी आसानी से किया जा सकता है. ये किताबें कई फाइल फॉर्मेट
में होती हैं, लेकिन पीडीएफ यानी पोर्टेबल डॉक्यूमेंट फॉर्मेट सर्वाधिक
प्रचलित फॉर्मेट है.
ग़ौरतलब है कि गूगल ने 6 दिसंबर, 2010 से इलेक्ट्रॉनिक बुक स्टोर की
दुनिया में क़दम रखते हुए अमेजन को टक्कर दी थी. 2004 में गूगल बुक्स
प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद से गूगल ने सौ देशों से चार सौ भाषाओं में
क़रीब डेढ़ करोड़ किताबें डिजिटाइज की हैं. हालांकि लेखकों और प्रकाशकों
ने गूगल के किताबें डिजिटाइज करने पर ऐतराज़ जताया था. जिन किताबों का
कॉपीराइट है या फिर जिनके लेखकों का कोई पता नहीं है, ऐसी किताबें ई-बुक
स्टोर पर नहीं बेची जाएंगी. गूगल पर पढ़ी जा सकने वाली मुफ्त किताबों की
वजह से विवाद भी हुआ, लेकिन गूगल का कहना है कि इससे ज़्यादा लोग किताबें
पढ़ सकेंगे. हमें विश्वास है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा ई-बुक पुस्तकालय
होगा. मुफ्त पढ़ी जा सकने वाली किताबों को मिलाकर इनकी कुल संख्या तीस
लाख से ज़्यादा है. मैकमिलन, रैन्डम हाउस, साइमन एंड शूस्टर जैसे मशहूर
प्रकाशकों की हज़ारों डिजिटल किताबें ई-बुक स्टोर में बेची जाएंगी. जहां
तक क़ीमतों का सवाल है, ई-बुक्स स्टोर की किताबें बाज़ार के हिसाब से
होंगी, जबकि कई फ्री किताबें पहले ही गूगल पर मौजूद हैं. एक शोध के
मुताबिक़, अकेले अमेरिका में ई-बुक डिवाइस का इस्तेमाल करने वाले लोगों
की संख्या 2015 तक 2 करोड़ 94 लाख तक पहुंच जाएगी. फॉरेस्टर सर्वे के
मुताबिक़, ई-बुक पढ़ने वाले लोगों में 35 फीसदी लोग लैपटॉप पर किताब
पढ़ते हैं, 32 फीसदी अमेजन के किंडल पर और 15 फीसदी लोग एप्पल के आई फोन
पर पढ़ते हैं. कई ऐसी वेबसाइट्स हैं, जहां जाकर आप अपनी मनपसंद किताब
प़ढने का लुत़्फ उठा सकते हैं.
www.gutenberg.org
यह वेबसाइट किताबों का खज़ाना है. यहां दुनिया भर की क़रीब 60 भाषाओं में
38 हज़ार किताबें मौजूद हैं, जिन्हें ऑनलाइन प़ढा जा सकता है. यहां
इन्हें डाउनलोड करने की भी सुविधा है. यहां कॉपीराइट फ्री किताबें रहती
हैं. वेबसाइट इन किताबों का ई संस्करण तैयार कराती है. गुटनबर्ग का
लक्ष्य अगले साल तक पुस्तक प्रेमियों को ऑनलाइन एक लाख किताबें मुहैया
कराना है. हर रोज़ दो लाख यूजर इसका इस्तेमाल करते हैं. गुटनबर्ग एक ऐसी
योजना पर काम कर रहा है, जिसके तहत लोग अपनी मर्ज़ी से वेबसाइट को
किताबें दान करते हैं. यहां किताब तलाशना बेहद आसान है.
Books.google.co.in
यहां भी किताबें ही किताबें हैं. यहां पर किसी भी लेखक का नाम या किताब
का नाम सर्च करके अपनी मनपसंद किताब तक आसानी से पहुंचा जा सकता है. यहां
भी गीत, ग़ज़ल, कहानी, उपन्यास सहित विभिन्न विषयों पर आधारित किताबें
मौजूद हैं. किसी की आत्मकथा प़ढनी हो, किसी की जीवनी प़ढनी हो या कोई और
रचना, सब कुछ यहां एक क्लिक की दूरी पर उपलब्ध है.
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यह वेबसाइट भी बहुत पसंद की जाती है. इस वेबसाइट पर इनसाइक्लोपीडिया,
रिफ्रेंस बुक, शब्दकोष भी हैं. साहित्य और पत्रकारिता के छात्र इसे खूब
पसंद करते हैं. कुल मिलाकर यह वेबसाइट छात्रों, विशेषकर शोध के छात्रों
के लिए बेहद उपयोगी है.
Onlinebooks.library.upenn.edu
इस वेबसाइट पर भी सैक़डों किताबें मौजूद हैं. यहां आप अपनी मनपसंद
किताबें प़ढ सकते हैं. यहां भी कॉपीराइट फ्री किताबें उपलब्ध हैं. इसके
प्रशंसकों की तादाद भी दिनोंदिन ब़ढ रही है.
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यहां नए लेखकों की रचनाएं रहती हैं. यहां आपको विभिन्न विषयों पर रोचक
किताबें मिल जाएंगी. यहां विभिन्न विषयों की उपयोगी किताबें हैं. यहां पर
अलग-अलग फॉर्मेट में किताबें उपलब्ध हैं. आप अपनी सुविधा के हिसाब से कोई
भी फॉर्मेट चुन सकते हैं.
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यहां भी सैक़डों किताबें मौजूद हैं. आप किसी भी विषय से संबंधित किताबें
यहां देख सकते हैं.
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यहां भी किताबों का खज़ाना मौजूद है. इस वेबसाइट पर ऑनलाइन किताबें
खरीदने की सुविधा भी दी गई है. अलबत्ता, आप मनपसंद किताबों को डाउनलोड कर
अपनी एक डिजिटल लाइब्रेरी भी बना सकते हैं, ताकि जब चाहें, किताबों को
आसानी से प़ढ सकें. ये किताबें दोस्तों और परिचितों को बतौर उपहार भी
भेजी जा सकती हैं.
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