जो बोले सो निहाल, सत
श्री अकाल...बोलते इस सिख की पगड़ी पर निगाह तो डालिए जरा। आप भी चौंक
जाएंगे कि पगड़ी है या पहाड़। अमृतसर में माघी मेले शिरकत करते निहंग
(सिखों के विशेष प्रचारक दस्ते के सदस्य) की 300 मीटर लंबी पगड़ी चर्चा का
विषय बन गई।
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में आयोजित हुए माघी मेला में निहंगों ने तरह तरह के करतब दिखाए। मेले में पगड़ी प्रतियोगिता ने भी समां बांधा। प्रतियोगिता इस बात की थी कि कौन सबसे भारी बड़ी और लंबी पगड़ी बांधता है। इसी दौरान यहां 300 मीटर लंबी पगड़ी बांधे निहंग उत्सुकता का केंद्र बना। इस निहंग की पगड़ी 25 किलो से ज्यादा भार की थी और सिर पर एक पहाड़ की तरह दिख रही थी। लोग नजदीक जाकर और दूर से भी इस निहंग के फोटो खींच रहे थे।
लोहड़ी के मौके पर लगने वाले इस मेले में लोग तरह तरह की डिजाइन की गई पगड़ियां पहन कर आए। किसी की पगड़ी सबसे ऊंची दिख रही थी तो किसी की पगड़ी एक इमारत की तरह सिर पर सजी था। पगड़ियों पर तरह तरह के प्रतीक चिह्न सज रहे थे जो पगड़ियों की शोभा बढ़ा रहे थे।
2010 में माघी मेले में ही मेजर सिंह ने 400 मीटर लंबी और 35 किलोग्राम वजनी पगड़ी पहनी थी और इसी के बल पर उन्होंने सबसे बड़ी पगड़ी का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड कायम किया था।
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में आयोजित हुए माघी मेला में निहंगों ने तरह तरह के करतब दिखाए। मेले में पगड़ी प्रतियोगिता ने भी समां बांधा। प्रतियोगिता इस बात की थी कि कौन सबसे भारी बड़ी और लंबी पगड़ी बांधता है। इसी दौरान यहां 300 मीटर लंबी पगड़ी बांधे निहंग उत्सुकता का केंद्र बना। इस निहंग की पगड़ी 25 किलो से ज्यादा भार की थी और सिर पर एक पहाड़ की तरह दिख रही थी। लोग नजदीक जाकर और दूर से भी इस निहंग के फोटो खींच रहे थे।
लोहड़ी के मौके पर लगने वाले इस मेले में लोग तरह तरह की डिजाइन की गई पगड़ियां पहन कर आए। किसी की पगड़ी सबसे ऊंची दिख रही थी तो किसी की पगड़ी एक इमारत की तरह सिर पर सजी था। पगड़ियों पर तरह तरह के प्रतीक चिह्न सज रहे थे जो पगड़ियों की शोभा बढ़ा रहे थे।
2010 में माघी मेले में ही मेजर सिंह ने 400 मीटर लंबी और 35 किलोग्राम वजनी पगड़ी पहनी थी और इसी के बल पर उन्होंने सबसे बड़ी पगड़ी का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड कायम किया था।
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Thankes