अगर आपकेमोबाइल की मेमोरी असीमित हो। अलग से मेमोरी कार्ड डालने की जरूरत न हो तो आपके लिए यह किसी तोहफे से कम नहीं है। यह कल्पना नहीं, हकीकत है। जिसे साकार करने में दयालबाग शिक्षण संस्थान [डीईआइ] के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। ये वैज्ञानिक क्वांटम डिवाइस तैयार कर रहे हैं। इससे मोबाइल के साथ कंप्यूटर व अन्य उपकरणों की क्षमता बढ़ जाएगी।
डीईआइ के क्वांटम नैनो सेंटर में चल रही कानसॉस कार्यशाला में देश-विदेश के वैज्ञानिकों ने क्वांटम नेटवर्कस व कंप्यूटेशन पर विचार रखे। क्वांटम एंड नैनो कंप्यूटिंग सिस्टम्स एंड एप्लीकेशस [कानसॉस] के संयोजक डॉ. विशाल साहनी ने बताया कि क्वांटम डिवाइस को तैयार करने में नैनो टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा रहा है।
यह डिवाइस भी माइक्रो चिप की तरह ही काम करेगी। बस फर्क इतना होगा कि इसमें असीमित डाटा सुरक्षित रखा जा सकेगा और यह अधिक सुरक्षित होगा। उन्होंने बताया कि इस डिवाइस को बनाने के लिए अब तक दर्जनभर प्रयोग सफल रहे हैं। कार्यशाला में प्रो. दयालप्यारी श्रीवास्तव ने ग्राफ थ्योरेटिक क्वांटम पर शोध पत्र पढ़ा।
उन्होंने बताया कि दिमाग के सोचने की क्षमता अतुलनीय है। दिमाग भी एक क्वांटम की तरह ही काम करता है। केमिकल लोचा पर शोध टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई के प्रो. वेणु गोपाल ने कहा कि दिमाग में कई तरीके के केमिकल होते हैं। जिनमें जरा सी कमी या फिर अधिकता पर दिमाग से संबंधित अलग-अलग बीमारिया हो जाती हैं। मोटर प्रोटींस भी एक ऐसा ही केमिकल है, जिस पर शोध चल रहा है। क्वांटम से साइबर क्राइम पर कंट्रोल नेशनल यूनिवर्सिटी सिंगापुर के प्रो. आर्टर एकर्ट ने क्वांटम क्रिप्टोग्राफी के फायदे समझाए। कहा कि क्वांटम द्वारा साइबर क्राइम पर कंट्रोल लगाया जा सकता है।
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