सोच समझ कर करना पंथी यहॉं किसी से प्यार
चांदी का यह देश,यहॉं के छलिया राजकुमार
किसे यहॉ अवकाश सुने जो तेरी करूण कराहें
तुझ पर करें बयार, यहॉं सूनी हैं किसकी बाहें
बादल बन कर खोज रहा तू किसको इस मरूथल में
कौन यहॉ, व्याकुल हों जिसकी तेरे लिए निगाहें
फूलों की यह हाट लगी है, मुस्कानों का मेला
कौन खरीदेगा तेरे सूखे आंसू दो चार
सोच समझ कर करना पंथी यहॉ किसी से प्यार ।
चांदी का यह देश,यहॉं के छलिया राजकुमार
किसे यहॉ अवकाश सुने जो तेरी करूण कराहें
तुझ पर करें बयार, यहॉं सूनी हैं किसकी बाहें
बादल बन कर खोज रहा तू किसको इस मरूथल में
कौन यहॉ, व्याकुल हों जिसकी तेरे लिए निगाहें
फूलों की यह हाट लगी है, मुस्कानों का मेला
कौन खरीदेगा तेरे सूखे आंसू दो चार
सोच समझ कर करना पंथी यहॉ किसी से प्यार ।
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Thankes