वैवाहिक पोर्टल जीवन साथी पाने को इच्छुक युवक युवतियों को लूटने का सबसे
बढि़या जरिया बन गए हैं। साइबर अपराध की जाच करने वालों का कहना है कि
सैकड़ों पढ़े लिखे पेशेवर ठगों की मीठी बातों में आकर अपना बहुत पैसा गंवा
रहे हैं।
पिछले एक साल में साइबर अपराध के ऐसे दो मामले दर्ज किए गए जिनमें
धोखेबाजों ने लोगों को ठगने के लिए वैवाहिक विज्ञापनों का सफलतापूर्वक
इस्तेमाल किया। हाल में बी रवि किशोर नामक एक इंजीनियरिंग डिग्रीधारी को
गिरफ्तार किया गया है। उसने खुद को आइआइटी का स्नातक और कैलिफोर्निया से
मास्टर डिग्रीधारी बताते हुए 54 महिलाओं को ठगा। इसी तरह वी दीप्ति
रेड्डी को पिछले साल सीआइडी दस्ते ने गिरफ्तार किया था। वह खुद को
एमबीबीएस डॉक्टर बताकर अधिक कमाने वाले पेशेवरों को शादी का लालच देती
थी। सीआइडी के एक अधिकारी का कहना है कि ऐसी घटनाएं बहुत होती हैं लेकिन
इक्का-दुक्का पीड़ित ही पुलिस के पास शिकायत करते हैं। ऐसा इसलिए कि
मीडिया में आ जाने के बाद उनके लिए अच्छा जीवन साथी ढूंढ पाना मुश्किल हो
जाने का डर रहता है। इन दोनों मामलों की जाच करने वाली सीआइडी टीम ने
पाया कि दोनों अपराधियों की कार्यशैली लगभग एक जैसी थी। दोनों मामलों में
ठगी के शिकार होने वालों में अधिक कमाने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डॉक्टर
और प्रबंधक जैसे पेशेवर थे। इतने पढ़े लिखे होने के बावजूद किसी भी पीड़ित
ने ठगों की असलियत का पता लगाने की कोशिश नहीं की। पुलिस का मानना है कि
आसानी से अच्छा जीवन साथी नहीं मिलना इसका कारण हो सकता है। सभी उनकी
अच्छी अंग्रेजी और प्रतिष्ठित पेशेवर जिंदगी के झासे में आ गए।
किशोर पहले एक बीपीओ के रूप में काम करता था। वह महिलाओं को ठगने के लिए
अमेरिकी लहजे में अंग्रेजी में बात करता था। इसलिए महिलाएं आसानी से उसके
झासे में आ गई। आधुनिक समय में लोग दोस्त से लेकर शादी ब्याह जैसे रिश्ते
बनाने में वेबसाइटों या सोशल नेटवर्किंग पर निर्भर करने लगे हैं। लेकिन
ऐसा करना अगर सरल और सहज है तो ये उतना ही घातक और आत्मघाती कदम भी हो
सकता है।
बढि़या जरिया बन गए हैं। साइबर अपराध की जाच करने वालों का कहना है कि
सैकड़ों पढ़े लिखे पेशेवर ठगों की मीठी बातों में आकर अपना बहुत पैसा गंवा
रहे हैं।
पिछले एक साल में साइबर अपराध के ऐसे दो मामले दर्ज किए गए जिनमें
धोखेबाजों ने लोगों को ठगने के लिए वैवाहिक विज्ञापनों का सफलतापूर्वक
इस्तेमाल किया। हाल में बी रवि किशोर नामक एक इंजीनियरिंग डिग्रीधारी को
गिरफ्तार किया गया है। उसने खुद को आइआइटी का स्नातक और कैलिफोर्निया से
मास्टर डिग्रीधारी बताते हुए 54 महिलाओं को ठगा। इसी तरह वी दीप्ति
रेड्डी को पिछले साल सीआइडी दस्ते ने गिरफ्तार किया था। वह खुद को
एमबीबीएस डॉक्टर बताकर अधिक कमाने वाले पेशेवरों को शादी का लालच देती
थी। सीआइडी के एक अधिकारी का कहना है कि ऐसी घटनाएं बहुत होती हैं लेकिन
इक्का-दुक्का पीड़ित ही पुलिस के पास शिकायत करते हैं। ऐसा इसलिए कि
मीडिया में आ जाने के बाद उनके लिए अच्छा जीवन साथी ढूंढ पाना मुश्किल हो
जाने का डर रहता है। इन दोनों मामलों की जाच करने वाली सीआइडी टीम ने
पाया कि दोनों अपराधियों की कार्यशैली लगभग एक जैसी थी। दोनों मामलों में
ठगी के शिकार होने वालों में अधिक कमाने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डॉक्टर
और प्रबंधक जैसे पेशेवर थे। इतने पढ़े लिखे होने के बावजूद किसी भी पीड़ित
ने ठगों की असलियत का पता लगाने की कोशिश नहीं की। पुलिस का मानना है कि
आसानी से अच्छा जीवन साथी नहीं मिलना इसका कारण हो सकता है। सभी उनकी
अच्छी अंग्रेजी और प्रतिष्ठित पेशेवर जिंदगी के झासे में आ गए।
किशोर पहले एक बीपीओ के रूप में काम करता था। वह महिलाओं को ठगने के लिए
अमेरिकी लहजे में अंग्रेजी में बात करता था। इसलिए महिलाएं आसानी से उसके
झासे में आ गई। आधुनिक समय में लोग दोस्त से लेकर शादी ब्याह जैसे रिश्ते
बनाने में वेबसाइटों या सोशल नेटवर्किंग पर निर्भर करने लगे हैं। लेकिन
ऐसा करना अगर सरल और सहज है तो ये उतना ही घातक और आत्मघाती कदम भी हो
सकता है।
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Thankes