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लिखिए अपनी भाषा में

  1. रितेश की चाहत है कि काश उसके पापा भी उसे साइकिल चलाना सिखा पाते? रितेश
    के पिता के दोनों हाथ नहीं है और मां चल नहीं सकतीं। एंजल के माता-पिता
    सुन बोल नहीं सकते, वो कहती हैं कि मैं बचपन में काफी कविता सुनाती थी,
    मैंने मम्मी पापा को काफी सारी कविता सुनाई हैं। लेकिन उन्होंने आज तक न
    तो कभी सुना है, न कभी कुछ बोला है।

    छोटी से उम्र में ही इन बच्चों को अहसास हो चुका था कि कुदरत ने इनके
    माता-पिता में कुछ कमी छोड़ दी है जो कभी पूरी नहीं हो सकती। तभी छोटी से
    उम्र में ही यह बच्चे अपने माता-पिता की आवाज बने। कभी उनकी आंखे तो कभी
    उनकी बैसाखी। बचपन में कई जिम्मेदारियों का बोझ इन नन्हें कंधों ने उठाया
    और इन सबके बीच इनकी अपनी नन्हीं से दुनिया कहीं को गई।

    और माता पति के बारे में सोचिए, वो दर्द कैसा होता होगा जब वो अपने बच्चे
    की किलकारियां ही न सुन पाएं, बच्चा मां की गोद में हो लेकिन मां उसे देख
    ही न पाए, पाप का सहारा हो लेकिन पापा अपने लाडले को कभी गोद में न उठा
    पाएं। कैसा होता होगा वो बचपन जिसमें एक अधूरापन, एक खालीपन, एक ख्वाहिश
    हो कि काश मेरे मम्मी पापा भी मुझे देख सकते, काश मेरे मम्मी-पापा मुझे
    देख पाते, काश मैं अपने मम्मी पापा की बाहों में छुप सकता।

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