दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को उनके पैतृक गांव
कुनु में दफना दिया गया है।
उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। दक्षिण अफ्रीका
में रंगभेद के ख़िलाफ़ आंदोलन और बदलाव के सबसे बड़े नायक को अंतिम विदा
देने के लिए देश-विदेश के करीब साढ़े चार हज़ार लोग मौजूद रहे।
राजधानी प्रिटोरिया से मंडेला का शव उनके गाँव कुनु पहुंचा तो अपना
सम्मान जाहिर करने के लिए लोग गाँव की सड़कों पर खड़े रहे।
पाँच दिसंबर को नेल्सन मंडेला की मृत्यु हो गई थी। प्रिटोरिया में करीब
एक लाख लोगों ने मंडेला के अंतिम दर्शन किए। उनकी याद में आंसू बहाए,
नृत्य किया और प्रार्थना सभाओं में हिस्सा लिया।
सैन्य वायुयान में मंडेला का शव वाटरलू हवाई अड्डे पहुंचा तो उनकी सबसे
बड़ी बेटी मकाज़िवे मंडेला और क्लिक करें मंडेला की पोती मडिलेका हवाई
अड्डे पर मौजूद थीं।
दक्षिण अफ्रीकी के झंडे में लिपटे उनके शव को गार्ड ऑफ़ ऑनर के साथ 32
किलोमीटर की यात्रा के बाद कुनु पहुंचा। मदीबा अपने आख़िरी दिन यहीं
बिताना चाहते थे।
नेल्सन मंडेला अंतिम यात्रा
उनके बड़े बेटे मांडला मंडेला अपने पिता के अंतिम सफ़र में उनके साथ-साथ चल रहे थे।
31 साल के बोनगानी ज़ेबी ने एएफ़पी से कहा, "वो आख़िरी बार अपने घर
विश्राम करने को वापस लौट रहे हैं, मैं अपने अंदर की भावनाओं को व्यक्त
नहीं कर सकता। मेरे मन के एक कोने में उदासी है, लेकिन मैं ख़ुश हूं कि
उनको शांति मिल गई।"
नेल्सन मंडेला का बचपन कुनु में बीता। मदीबा चाहते थे कि उनको यहीं दफ़न
किया जाए। कई लोगों को अफ़सोस है कि उनके शव को लेकर जाने वाला काफिला
रास्ते में रुका नहीं, इस कारण से वो मदीबा का अंतिम दर्शन नहीं कर पाए।
कुनु में मौजूद बीबीसी संवाददाता ने बताया कि गाँव की महिलाओं के रोने की
आवाज़ें आ रही थीं। लोग पैतृक घर में मंडेला की वापसी का स्वागत कर रहे
थे। मानो मंडेला की घर वापसी के साथ एक सूरज डूब गया हो।
बीबीसी संवाददाता मिल्टन नकोसी के मुताबिक़ अपनी मुक्ति दूत को स्थानीय
लोगों के अंतिम बार देखने का लम्हा बहुत सशक्त था।
समुदाय के लोग अंतिम संस्कार के दौरान गीतों और कविताओं में मंडेला के
जीवन और उपलब्धियों को याद करेंगे। मंडेला के अंतिम संस्कार के दौरान
दुनिया भर से करीब चार हज़ार लोग शामिल होंगे।
इसमें दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा समेत विभिन्न देशों के
प्रधानमंत्री, ईरान के उपराष्ट्रपति और वेल्स के राजकुमार के आने की
उम्मीद है।
जैकब ज़ुमा ने मंडेला को अपनी श्रद्धांजली देते हुए कहा, "हम उन्हें याद
करेंगे, वह हमारे पिता और संरक्षक थे। वह हमारे लिए बहुक ख़ास थे।"
--
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जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ
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कुनु में दफना दिया गया है।
उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। दक्षिण अफ्रीका
में रंगभेद के ख़िलाफ़ आंदोलन और बदलाव के सबसे बड़े नायक को अंतिम विदा
देने के लिए देश-विदेश के करीब साढ़े चार हज़ार लोग मौजूद रहे।
राजधानी प्रिटोरिया से मंडेला का शव उनके गाँव कुनु पहुंचा तो अपना
सम्मान जाहिर करने के लिए लोग गाँव की सड़कों पर खड़े रहे।
पाँच दिसंबर को नेल्सन मंडेला की मृत्यु हो गई थी। प्रिटोरिया में करीब
एक लाख लोगों ने मंडेला के अंतिम दर्शन किए। उनकी याद में आंसू बहाए,
नृत्य किया और प्रार्थना सभाओं में हिस्सा लिया।
सैन्य वायुयान में मंडेला का शव वाटरलू हवाई अड्डे पहुंचा तो उनकी सबसे
बड़ी बेटी मकाज़िवे मंडेला और क्लिक करें मंडेला की पोती मडिलेका हवाई
अड्डे पर मौजूद थीं।
दक्षिण अफ्रीकी के झंडे में लिपटे उनके शव को गार्ड ऑफ़ ऑनर के साथ 32
किलोमीटर की यात्रा के बाद कुनु पहुंचा। मदीबा अपने आख़िरी दिन यहीं
बिताना चाहते थे।
नेल्सन मंडेला अंतिम यात्रा
उनके बड़े बेटे मांडला मंडेला अपने पिता के अंतिम सफ़र में उनके साथ-साथ चल रहे थे।
31 साल के बोनगानी ज़ेबी ने एएफ़पी से कहा, "वो आख़िरी बार अपने घर
विश्राम करने को वापस लौट रहे हैं, मैं अपने अंदर की भावनाओं को व्यक्त
नहीं कर सकता। मेरे मन के एक कोने में उदासी है, लेकिन मैं ख़ुश हूं कि
उनको शांति मिल गई।"
नेल्सन मंडेला का बचपन कुनु में बीता। मदीबा चाहते थे कि उनको यहीं दफ़न
किया जाए। कई लोगों को अफ़सोस है कि उनके शव को लेकर जाने वाला काफिला
रास्ते में रुका नहीं, इस कारण से वो मदीबा का अंतिम दर्शन नहीं कर पाए।
कुनु में मौजूद बीबीसी संवाददाता ने बताया कि गाँव की महिलाओं के रोने की
आवाज़ें आ रही थीं। लोग पैतृक घर में मंडेला की वापसी का स्वागत कर रहे
थे। मानो मंडेला की घर वापसी के साथ एक सूरज डूब गया हो।
बीबीसी संवाददाता मिल्टन नकोसी के मुताबिक़ अपनी मुक्ति दूत को स्थानीय
लोगों के अंतिम बार देखने का लम्हा बहुत सशक्त था।
समुदाय के लोग अंतिम संस्कार के दौरान गीतों और कविताओं में मंडेला के
जीवन और उपलब्धियों को याद करेंगे। मंडेला के अंतिम संस्कार के दौरान
दुनिया भर से करीब चार हज़ार लोग शामिल होंगे।
इसमें दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा समेत विभिन्न देशों के
प्रधानमंत्री, ईरान के उपराष्ट्रपति और वेल्स के राजकुमार के आने की
उम्मीद है।
जैकब ज़ुमा ने मंडेला को अपनी श्रद्धांजली देते हुए कहा, "हम उन्हें याद
करेंगे, वह हमारे पिता और संरक्षक थे। वह हमारे लिए बहुक ख़ास थे।"
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