Rss Feed
Story (104) जानकारी (41) वेबसाइड (38) टेक्नॉलोजी (36) article (28) Hindi Quotes (21) अजब-गजब (20) इंटरनेट (16) कविता (16) अजब हैं लोग (15) तकनीक (14) समाचार (14) कहानी Story (12) नॉलेज डेस्क (11) Computer (9) ऐप (9) Facebook (6) ई-मेल (6) करियर खबरें (6) A.T.M (5) बॉलीवुड और मनोरंजन ... (5) Mobile (4) एक कथा (4) पासवर्ड (4) paytm.com (3) अनमोल वचन (3) अवसर (3) पंजाब बिशाखी बम्पर ने मेरी सिस्टर को बी दीया crorepati बनने का मोका . (3) माँ (3) helpchat.in (2) कुछ मेरे बारे में (2) जाली नोट क्‍या है ? (2) जीमेल (2) जुगाड़ (2) प्रेम कहानी (2) व्हॉट्सऐप (2) व्हॉट्सेएप (2) सॉफ्टवेर (2) "ॐ नमो शिवाय! (1) (PF) को ऑनलाइन ट्रांसफर (1) Mobile Hacking (1) Munish Garg (1) Recharges (1) Satish Kaul (1) SecurityKISS (1) Technical Guruji (1) app (1) e (1) olacabs.com (1) olamoney.com (1) oxigen.com (1) shopclues.com/ (1) yahoo.in (1) अशोक सलूजा जी (1) कुमार विश्वास ... (1) कैटरिंग (1) खुशवन्त सिंह (1) गूगल अर्थ (1) ड्रग साइट (1) फ्री में इस्तेमाल (1) बराक ओबामा (1) राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला (1) रिलायंस कम्यूनिकेशन (1) रूपये (1) रेडक्रॉस संस्था (1) लिखिए अपनी भाषा में (1) वोटर आईडी कार्ड (1) वोडाफोन (1)

लिखिए अपनी भाषा में

  1. पूजा किसे कहें!

    Monday, February 10, 2014

    उन्होंने स्कार्पियो से उतर मंदिर में प्रवेश किया, शिव जी को जल चढ़ाया,
    फिर बारी-बारी से सभी देवी-देवताओं के सामने नतमस्तक होती रही। हम भी
    वहीं विधिवत पूजा अर्चना कर रहे थे। हमने सभी मूर्तियों के सामने दस-दस
    के नोट चढ़ाए, दान-पात्र में पचास रुपए का करारा नोट डाला। इन सौ-सवा सौ
    रुपए के बदले प्रभु से अ‍नगिनत बार मिन्नतें कीं। पति की कमाई में दोगुनी
    बढ़ोतरी करें, बेटे की नौकरी लग जाए, बेटी की शादी किसी धनाढ्‍य खानदान
    में हो जाए। उधर हमारा ध्यान उन प्रौढ़ भक्त पर भी था जिन्होंने अभी तक
    प्रभु के चरणों में एक रुपया भी नहीं चढ़ाया था।

    हमने सगर्व एक पचास रुपए का नोट पंडितजी को चरण स्पर्श करके दिया और
    प्रदर्शित किया, पूजा इसे कहते हैं। हम दोनों पूजा के बाद साथ ही मंदिर
    के बाहर निकले, हमें मंदिर के द्वार पर एक परिचित मिल गईं। हम उनसे बातें
    करने लगे मगर हमारा ध्यान उन्हीं कंजूस भक्तों पर रहा।

    उधर उन्होंने अपनी गाड़ी से एक बड़ी सी डलिया निकाली, जिसमें से ताजा बने
    भोजन की भीनी-भीनी महक आ रही थी। वो मंदिर के बगल में बने आदिवासी आश्रम
    में गईं। तब तक हमारी परिचित जा चुकी थीं। अब वो प्रौढ़ा हमारे लिए
    जिज्ञासा का विषय बन गईं। हम आगे बढ़कर उनकी जासूसी करने लगे।

    उन्होंने स्वयं अपने हाथों से पत्तलें बिछानी शुरू कीं, बच्चे हाथ धोकर
    टाट-पट्टी पर बैठने लगे। वो बड़े चाव से आलू-गोभी की सब्जी व गरमागरम
    पराठे उन मनुष्यमात्र में विद्यमान ईश्वर को परोस रही थीं। वाह रे मेरा
    अहंकार! हम इस भोली पवित्र मानसिकता में भक्ति को पनपी देख सोचने लगे,
    पूजा किसे कहते हैं।

    --
    यदि आपके पास Hindi में कोई article, inspirational story या जानकारी है
    जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ
    E-mail करें. हमारी Id है:kuchkhaskhabar@gmail.com.पसंद आने पर हम उसे
    आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे.

    www.kuchkhaskhabar.com

  2. 0 comments:

    Post a Comment

    Thankes

Powered byKuchKhasKhabar.com