यदि कड़ी मेहनत इच्छा शक्ति मजबूत हो तो कोई काम मुश्किल नहीं होता। यह
बात सिंगापुर में रह रहे 59 वर्षीय एड्रिन लोई पर बिल्कुल सटीक बैठती है।
एड्रिन लोई सिंगापुर में या कुन कॉफ इंटरनेशनल के कार्यकारी अध्यक्ष हैं
और वह यहां के 'कॉफी किंग' भी हैं। उनकी सफलता की कहानी जितनी दिलचस्प है
उतनी हैरान करने वाली भी है।
एक चीनी-सिंगापुरी परिवार के अपने सात भाई-बहनों में सबसे छोटे लिंग अपने
पिता आह कून की मशहूर कॉफी की दुकान पर भाई-बहनों के साथ काम करते हुए
बड़े हुए।
एक अंग्रेजी समाचार वेबसाइट में प्रकाशित खबर के मुताबिक, करीब 60 साल तक
दुकान चलाने के बाद कुन बीमार पड़ गए. तब लोई को लगा कि अगर पैतृक व्यवसाय
बंद हो गया तो, यह काफी शर्मनाक होगा। उनके सब भाई-बहन उनसे आयु में बड़े
थे। उनकी सबसे बड़ी बहन उनसे 20 साल बड़ी थीं, लेकिन वो व्यवसाय चलाने की
इच्छुक नहीं थीं।
लोई ने अपने पिता और ग्राहकों के बीच के सहज संबंध को देखा था। इसलिए वो
इसे जिंदा रखना चाहते थे। एक दिन वो और उनके भाई एलगी ने हिम्मत कर पिता
से पूछा कि क्या वो उनकी दुकान को चला सकते हैं। उनके पिता न कहा, हां
क्यों नहीं, लेकिन यह बहुत ही मुश्किल काम है। इसका जवाब दोनों भाइयों ने
हां में दिया।
साल 1998 में दुकान का कार्यभार संभालने के बाद ही उन्हें लाऊ पा सैट के
निर्माण की वजह से उन्हें दुकान को कहीं और ले जाना पड़ा। इसके बाद
उन्होंने अपनी दुकान का नाम बदलकर या कुन काया टोस्ट कर दिया और उसे
चलाने के लिए 10 हजार सिंगापुरी डॉलर उधार लिया।
अच्छा-खासा पैसा खर्च कर एक हजार वर्ग फुट की नई दुकान लेने से वो काफी
चिंतित थे। शुरुआती सफलता के बाद उन्होंने यह जानने के लिए कि कंपनी के
विकास के लिए बाहरी निवेश की जरूरत है या नहीं एक कंसल्टेंट की सेवाएं
लीं। दुकान पर अपना मालिकाना हक थोड़ा कम करने की जगह सिंगापुर सरकार से
मदद के लिए आवेदन करने का फैसला लिया। एक भागीदार और भाई की हिस्सेदारी
कम करने के बाद इस समय उनकी 75 फीसदी हिस्सेदारी है।
युवावस्था में एड्रिन लोईसरकारी सहायता ने उन्हें फ्रेंचाइजी खोजने में
मदद की। छह महीने में ही उनके पास चार सौ आवेदन आए। इसके बाद से वो अबतक
सिंगापुर में 50 या कुन काफी शॉप और दुनिया के अन्य देशों में 49 दुकानें
खोल चुके हैं। पिछले साल उनकी कंपनी ने ढाई करोड़ सिंगापुरी डॉलर का
कारोबार किया। यह 1998 में लोई के दुकान संभालने के समय के कारोबार से
करीब दो हजार फीसद अधिक है।
लोई कहते हैं, 'सिंगापुर में अधिकांश लोग एक दिन में पांच बार खाते हैं,
इसमें शामिल होता है, नाश्ता, दोपहर का खाना, दोपहर बाद की चाय, शाम का
खाना और रात का खाना। इसलिए वो हर बार कॉफी के लिए आते हैं।'
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बात सिंगापुर में रह रहे 59 वर्षीय एड्रिन लोई पर बिल्कुल सटीक बैठती है।
एड्रिन लोई सिंगापुर में या कुन कॉफ इंटरनेशनल के कार्यकारी अध्यक्ष हैं
और वह यहां के 'कॉफी किंग' भी हैं। उनकी सफलता की कहानी जितनी दिलचस्प है
उतनी हैरान करने वाली भी है।
एक चीनी-सिंगापुरी परिवार के अपने सात भाई-बहनों में सबसे छोटे लिंग अपने
पिता आह कून की मशहूर कॉफी की दुकान पर भाई-बहनों के साथ काम करते हुए
बड़े हुए।
एक अंग्रेजी समाचार वेबसाइट में प्रकाशित खबर के मुताबिक, करीब 60 साल तक
दुकान चलाने के बाद कुन बीमार पड़ गए. तब लोई को लगा कि अगर पैतृक व्यवसाय
बंद हो गया तो, यह काफी शर्मनाक होगा। उनके सब भाई-बहन उनसे आयु में बड़े
थे। उनकी सबसे बड़ी बहन उनसे 20 साल बड़ी थीं, लेकिन वो व्यवसाय चलाने की
इच्छुक नहीं थीं।
लोई ने अपने पिता और ग्राहकों के बीच के सहज संबंध को देखा था। इसलिए वो
इसे जिंदा रखना चाहते थे। एक दिन वो और उनके भाई एलगी ने हिम्मत कर पिता
से पूछा कि क्या वो उनकी दुकान को चला सकते हैं। उनके पिता न कहा, हां
क्यों नहीं, लेकिन यह बहुत ही मुश्किल काम है। इसका जवाब दोनों भाइयों ने
हां में दिया।
साल 1998 में दुकान का कार्यभार संभालने के बाद ही उन्हें लाऊ पा सैट के
निर्माण की वजह से उन्हें दुकान को कहीं और ले जाना पड़ा। इसके बाद
उन्होंने अपनी दुकान का नाम बदलकर या कुन काया टोस्ट कर दिया और उसे
चलाने के लिए 10 हजार सिंगापुरी डॉलर उधार लिया।
अच्छा-खासा पैसा खर्च कर एक हजार वर्ग फुट की नई दुकान लेने से वो काफी
चिंतित थे। शुरुआती सफलता के बाद उन्होंने यह जानने के लिए कि कंपनी के
विकास के लिए बाहरी निवेश की जरूरत है या नहीं एक कंसल्टेंट की सेवाएं
लीं। दुकान पर अपना मालिकाना हक थोड़ा कम करने की जगह सिंगापुर सरकार से
मदद के लिए आवेदन करने का फैसला लिया। एक भागीदार और भाई की हिस्सेदारी
कम करने के बाद इस समय उनकी 75 फीसदी हिस्सेदारी है।
युवावस्था में एड्रिन लोईसरकारी सहायता ने उन्हें फ्रेंचाइजी खोजने में
मदद की। छह महीने में ही उनके पास चार सौ आवेदन आए। इसके बाद से वो अबतक
सिंगापुर में 50 या कुन काफी शॉप और दुनिया के अन्य देशों में 49 दुकानें
खोल चुके हैं। पिछले साल उनकी कंपनी ने ढाई करोड़ सिंगापुरी डॉलर का
कारोबार किया। यह 1998 में लोई के दुकान संभालने के समय के कारोबार से
करीब दो हजार फीसद अधिक है।
लोई कहते हैं, 'सिंगापुर में अधिकांश लोग एक दिन में पांच बार खाते हैं,
इसमें शामिल होता है, नाश्ता, दोपहर का खाना, दोपहर बाद की चाय, शाम का
खाना और रात का खाना। इसलिए वो हर बार कॉफी के लिए आते हैं।'
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