दोस्तो किसी ने कहा है कि “आत्महत्या करना पाप है।“ मगर फिर भी आए दिन आप समाचार पढते होंगे कि छात्र ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि उसे परीक्षा मॆ कम अंक मिले या फेल हो गया या फिर किसी ने आत्महत्या इसलिए कर ली, क्योंकि उसकी प्रेमिका ने उसे ठुकरा दिया या फिर किसी कि अपने प्रेमी से शादी नही हो सकी। किसी प्रेमी जोडे ने ट्रेन से कटकर जान दे दी क्यों कि उनके परीवारो को उनका प्यार मंजूर नही था। किसी ने बिजनेस मे नुकसान होने से मौत को गले लगा लिया। इस प्रकार के समाचार पडने के बाद दिमाग मॆ एक प्रश्न उठता है कि क्या जीवन के किसी मोड़ पर एक नाकामयाबी इतनी भारी होती है कि लोग आत्महत्या जैसा भयानक कदम उठा लेते हैं?
दोस्तो, जीवन में सफलता और असफलता तो लगी ही रहती है, क्योंकि जिस प्रकार गाडी के दो पहिए होते है उसी प्रकार सफलता और असफलता भी जीवनरूपी गाडी के दो पहिए होते है। जीवन मे बिना असफल हुए कोई आदमी कभी सफल नही हो सकता। लेकिन् इससे घबराकर कोई भी आत्मघाती कदम उठाना गलत है। कई बार जिन पढ़े-लिखे युवाओं को मनचाहा रोज़गार नहीं मिलता, वे निराशा से घिर जाते हैं और इनमें से कुछ आत्महत्या कर लेते हैं या करने का प्रयास करते हैं। ये लोग यह क्यों नहीं सोचते कि नौकरी पाना ही जीवन का अंितम लक्ष्य नहीं है। अगर नौकरी नहीं तो कोई व्यवसाय ही सही। किसी ने कहा भी है, ‘जो मैंने चाहा, वह मुझे नहीं मिला, लेकिन जो मुझे मिला, वह तो मैंने चाहा ही नहीं था।‘
हमे जिन्दगी में कई बार वह मिल जाता है, जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी। महत्वपूर्ण है लगातार प्रयास करना और आत्मविश्वाश रखना। परिणाम देर-सवेर ज़रूर मिलेगा। जीवन के कई बार हमें आशातीत सफलता नहीं मिल पाती है, लेकिन इससे घबराकर प्रयास करना नहीं छोड़ना चाहिए, बल्कि अपने प्रयासों में और तेज़ी लानी चाहिए।
लगातार प्रयास करते रहिए सफलता ज़रूर मिलेगी, क्योंकि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।“
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