लंदन।रोजाना
अरबों लोगों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले क्रांतिकारी संचार माध्यम
इंटरनेट ने मंगलवार एक जनवरी 2013 को तीस वर्ष पूरे कर लिए। समाचार पत्र
टेलीग्राफ के मुताबिक पुरानी नेटवर्किंग प्रणाली को पूरी तरह से हटाकर
कंप्यूटर नेटवर्क ने औपचारिक रूप से एक जनवरी 1983 को काम करना शुरू किया
था।
उस दिन अमेरिका के रक्षा विभाग द्वारा संचालित अर्पानेट नेटवर्क की जगह संपूर्ण तौर पर इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (आईपीएस) संचार प्रणाली के उपयोग को अपना लिया गया। इसी से आगे चलकर वर्ल्ड वाइड वेव (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू) मार्ग प्रशस्त हुआ।
ल्स के वैज्ञानिक डोनाल्ड डेविस की डिजाइन पर आधारित अर्पानेट नेटवर्क ने 1960 के दशक के आखिरी वर्षों में सैन्य परियोजना के तौर पर काम करना शुरू किया था।
कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट जैसे कई संस्थानों ने इसकी विकास प्रक्रिया में मदद की। 1973 में आईपीएस और ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल प्रौद्योगिकी पर काम शुरू हुआ। इसे इसलिए तैयार किया गया क्योंकि पुराने नेटवर्क कंट्रोल प्रोग्राम (एनसीपी) में खामियां थीं।
ब्रिटेन के कंप्यूटर वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली ने बाद में 1989 में हाईपरटेक्स्ट डॉक्यूमेंट में इंटरनेट प्रोटोकॉल का उपयोग किया। जिसे वर्ल्ड वाइड वेव के नाम से जाना जाता है।
उस दिन अमेरिका के रक्षा विभाग द्वारा संचालित अर्पानेट नेटवर्क की जगह संपूर्ण तौर पर इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (आईपीएस) संचार प्रणाली के उपयोग को अपना लिया गया। इसी से आगे चलकर वर्ल्ड वाइड वेव (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू) मार्ग प्रशस्त हुआ।
ल्स के वैज्ञानिक डोनाल्ड डेविस की डिजाइन पर आधारित अर्पानेट नेटवर्क ने 1960 के दशक के आखिरी वर्षों में सैन्य परियोजना के तौर पर काम करना शुरू किया था।
कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट जैसे कई संस्थानों ने इसकी विकास प्रक्रिया में मदद की। 1973 में आईपीएस और ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल प्रौद्योगिकी पर काम शुरू हुआ। इसे इसलिए तैयार किया गया क्योंकि पुराने नेटवर्क कंट्रोल प्रोग्राम (एनसीपी) में खामियां थीं।
ब्रिटेन के कंप्यूटर वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली ने बाद में 1989 में हाईपरटेक्स्ट डॉक्यूमेंट में इंटरनेट प्रोटोकॉल का उपयोग किया। जिसे वर्ल्ड वाइड वेव के नाम से जाना जाता है।
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