सिडनी।वीडियो
गेम्स बच्चों में समस्या को हल करने का कौशल और आत्म सम्मान की भावना को
बढ़ाने के अलावा उन्हें व्यायाम के लिए प्रेरित कर होशियार बनाते हैं। यह
जानकारी हाल ही में हुए नए अध्ययन से मिली है। क्वींसलैंड स्थित
ऑस्ट्रेलिया गेम्स रिसर्च एंड इंटरेक्शन डिजाइन(जीआरआईडी) लैब के पेनी
स्वीटसेर, डैनियल जॉनसन और पेटा येथ ने अध्ययन के दौरान बच्चों द्वारा
वीडियो गेम्स की तुलना में टीवी और डीवीडी देखने में गुजारी गई समयावधि की
आपस में तुलना की।
ऑस्ट्रेलियन जर्नल फॉर अर्ली चाइल्डहुड की रिपोर्ट के अनुसार टीवी देखना एक निष्क्रिय अनुभव रहा, जबकि वीडियो और कम्प्यूटर गेम्स प्रभावी, बच्चों के आत्म सम्मान,समस्या को हल करने का कौशल और कुछ मामलों में शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले हैं।
क्वींसलैंड के बयान के अनुसार जॉनसन ने बताया कि शोध से पता चलता है कि निनटेंडो विई,सोनी प्लेस्टेशन मूव और एक्सबोक्स किनेक्ट जैसी वीडियो गेम्स युवा बच्चों को व्यायाम के लिए प्रेरित कर सकती हैं।
ऑस्ट्रेलियन जर्नल फॉर अर्ली चाइल्डहुड की रिपोर्ट के अनुसार टीवी देखना एक निष्क्रिय अनुभव रहा, जबकि वीडियो और कम्प्यूटर गेम्स प्रभावी, बच्चों के आत्म सम्मान,समस्या को हल करने का कौशल और कुछ मामलों में शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले हैं।
क्वींसलैंड के बयान के अनुसार जॉनसन ने बताया कि शोध से पता चलता है कि निनटेंडो विई,सोनी प्लेस्टेशन मूव और एक्सबोक्स किनेक्ट जैसी वीडियो गेम्स युवा बच्चों को व्यायाम के लिए प्रेरित कर सकती हैं।
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