आजकल सभी बैंक अकाउंट खोलने के बाद इन्टरनेट बैंकिंग की सुविधा देती हैं|
यह सुविधा दो तरह की होती है, पहली यूसर आई डी द्वारा भुगतान और दूसरी
अपने ही एटी एम कार्ड द्वारा भुगतान| नया अकाउंट खोलने पर या पुराने
अकाउंट पर मांगे जाने पर बैंक द्वारा एक यूसर आई डी और 2 पासवर्ड (लोगिन
पासवर्ड और ट्रांस्जेक्सन पासवर्ड) प्रदान किया जाता है| जुलाई 2009 के
बाद से इस्सू होने वाले सभी एटी एम कार्ड पर स्पेशल CVV / CVV2 कोड होता
है जो ऑनलाइन भुगतान में प्रयोग होता है|
चूंकि यह सारा काम ऑनलाइन होता है तो भूल चूक की संभावना ना के बराबर
होती है, मगर फिर भी कुछ शातिर लोग आपको चूना लगा सकते हैं| आपकी एक छोटी
सी गलती आपका पूरा अकाउंट खाली कर सकती है| अत: ऑनलाइन भुगतान करते वक़्त
इन बातो का विशेष ध्यान रक्खे|
1 . बैंक द्वारा प्रदान किये गए पासवर्ड, फर्स्ट यूस के बाद ऑनलाइन
अकाउंट एक्टिवेट हो जाता है अत: फ़ौरन नया पासवर्ड बदल लें| अपना पासवर्ड
किसी को भी ना बताये| यहाँ तक की आपका पासवर्ड बैंक के कर्मचारी, मेनेजर
या कस्टमर केयर आदि किसी को भी नहीं बताना|
2 . कोशिश यही करनी चाहिए की जहाँ तक हो सके ई बैंकिंग अपने ही पर्सनल
कंप्यूटर पर ही किया जाए| साइबर कैफे या किसी भी परिचित के कंप्यूटर का
प्रयोग ना ही करें तो बेहतर है|
3 . अपने कंप्यूटर पर भी ख़ास सावधानी की ज़रूरत है| फालतू के सॉफ्टवेर ना
ही लोड करे तो अच्छा है क्यूकी घटिया सॉफ्टवेर के साथ वाइरस के फैलने का
डर रहता है|
4 . यदि मजबूरी में साइबर कैफे या अन्य का कंप्यूटर प्रयोग कर रहे हैं तो
मोज़िला फायरफोक्स या इन्टरनेट एक्स्प्लोरर का लेटेस्ट प्रयोग करें|
लेटेस्ट सॉफ्टवेर में प्राइवेट ब्राउसिंग का आप्शन होता है जो आपकी लोगिन
डाटा को सेव रखता है|
5 . ई बैंकिंग का भुगतान जिस वेबसाइट को कर रहे हैं वह सुरक्षित होनी
चाहिए| अधिकतर वेबसाइट किसी 128 bit SSL Gateway (or 256 bit) का प्रयोग
करती है| इन Gateways को प्रमाणित करने हेतु सर्टिफिकेट पर विशेष ध्यान
दें|
6 . बैंक कभी भी अपने यूसर्स को लोगिन पासवर्ड या प्राइवेट जानकारी से
सम्बन्धित ई मेल नहीं भेजता है| यदि आपको कोई ऐसा मेल मिले जो आपकी ई
बैंकिंग जानकारी को पूछे तो आप तुरंत उसे डिलीट कर दें| बैंक द्वारा समय
समय पर आपको ईमेल के माध्यम से यही अवगत कराया जाता है की कोई कितना भी
पूछे, आई डी & पासवर्ड किसी को नहीं बताना|
7 . जिस बैंक अकाउंट का प्रयोग ई बैंकिंग के लिए किया जाए उस में न्यूनतम
भुगतान राशि ही रखनी चाहिए, ताकि कोई भी गड़बड़ होने पर नुक्सान की
संभावना कम से कम हो| उदाहरण के लिए मैं जिस अकाउंट का प्रयोग इ बैंकिंग
में स्वंय करता हूँ उसमे न्यूनतम 50 हजार ही रखता हूँ|
8 . बच्चो को अपना एटीएम कार्ड ना प्रयोग करने दें| उनके लिए अलग से
अकाउंट खुलवा कर देना एक अच्छा विकल्प है|
9 . एटीएम कार्ड पर 16 अन्क का एक कोड व अवधि आदि का उल्लेख होता है,
एटीएम कार्ड द्वारा भुगतान करने पर यही कोड व अवधि आदि का प्रयोग किया
जाता है, अत: अपने कार्ड को छिपा कर ही रखना बेहतर होता है|
10 . एटीएम कार्ड का प्रयोग एटीएम सेंटर पर बहुत सावधानी पूर्वक गुफ्त
रूप से करने हेतु केबिन होता है| अपने अधिकार का पूरा प्रयोग करें| एटीएम
सेंटर से जो पर्ची निकलती है उसको फाड़ कर ही कूड़ेदान में डालना चाहिए,
क्यूकी उस पर कोड अंकित होता है|
धोखाधडी होने का अंदेशा हो तो इसकी सूचना तत्काल बैंक कस्टमर केयर को फोन
करके देनी चाहिए और अपने अकाउंट लोक करवा के बड़े नुकसान से बचना चाहिए|
यह सुविधा दो तरह की होती है, पहली यूसर आई डी द्वारा भुगतान और दूसरी
अपने ही एटी एम कार्ड द्वारा भुगतान| नया अकाउंट खोलने पर या पुराने
अकाउंट पर मांगे जाने पर बैंक द्वारा एक यूसर आई डी और 2 पासवर्ड (लोगिन
पासवर्ड और ट्रांस्जेक्सन पासवर्ड) प्रदान किया जाता है| जुलाई 2009 के
बाद से इस्सू होने वाले सभी एटी एम कार्ड पर स्पेशल CVV / CVV2 कोड होता
है जो ऑनलाइन भुगतान में प्रयोग होता है|
चूंकि यह सारा काम ऑनलाइन होता है तो भूल चूक की संभावना ना के बराबर
होती है, मगर फिर भी कुछ शातिर लोग आपको चूना लगा सकते हैं| आपकी एक छोटी
सी गलती आपका पूरा अकाउंट खाली कर सकती है| अत: ऑनलाइन भुगतान करते वक़्त
इन बातो का विशेष ध्यान रक्खे|
1 . बैंक द्वारा प्रदान किये गए पासवर्ड, फर्स्ट यूस के बाद ऑनलाइन
अकाउंट एक्टिवेट हो जाता है अत: फ़ौरन नया पासवर्ड बदल लें| अपना पासवर्ड
किसी को भी ना बताये| यहाँ तक की आपका पासवर्ड बैंक के कर्मचारी, मेनेजर
या कस्टमर केयर आदि किसी को भी नहीं बताना|
2 . कोशिश यही करनी चाहिए की जहाँ तक हो सके ई बैंकिंग अपने ही पर्सनल
कंप्यूटर पर ही किया जाए| साइबर कैफे या किसी भी परिचित के कंप्यूटर का
प्रयोग ना ही करें तो बेहतर है|
3 . अपने कंप्यूटर पर भी ख़ास सावधानी की ज़रूरत है| फालतू के सॉफ्टवेर ना
ही लोड करे तो अच्छा है क्यूकी घटिया सॉफ्टवेर के साथ वाइरस के फैलने का
डर रहता है|
4 . यदि मजबूरी में साइबर कैफे या अन्य का कंप्यूटर प्रयोग कर रहे हैं तो
मोज़िला फायरफोक्स या इन्टरनेट एक्स्प्लोरर का लेटेस्ट प्रयोग करें|
लेटेस्ट सॉफ्टवेर में प्राइवेट ब्राउसिंग का आप्शन होता है जो आपकी लोगिन
डाटा को सेव रखता है|
5 . ई बैंकिंग का भुगतान जिस वेबसाइट को कर रहे हैं वह सुरक्षित होनी
चाहिए| अधिकतर वेबसाइट किसी 128 bit SSL Gateway (or 256 bit) का प्रयोग
करती है| इन Gateways को प्रमाणित करने हेतु सर्टिफिकेट पर विशेष ध्यान
दें|
6 . बैंक कभी भी अपने यूसर्स को लोगिन पासवर्ड या प्राइवेट जानकारी से
सम्बन्धित ई मेल नहीं भेजता है| यदि आपको कोई ऐसा मेल मिले जो आपकी ई
बैंकिंग जानकारी को पूछे तो आप तुरंत उसे डिलीट कर दें| बैंक द्वारा समय
समय पर आपको ईमेल के माध्यम से यही अवगत कराया जाता है की कोई कितना भी
पूछे, आई डी & पासवर्ड किसी को नहीं बताना|
7 . जिस बैंक अकाउंट का प्रयोग ई बैंकिंग के लिए किया जाए उस में न्यूनतम
भुगतान राशि ही रखनी चाहिए, ताकि कोई भी गड़बड़ होने पर नुक्सान की
संभावना कम से कम हो| उदाहरण के लिए मैं जिस अकाउंट का प्रयोग इ बैंकिंग
में स्वंय करता हूँ उसमे न्यूनतम 50 हजार ही रखता हूँ|
8 . बच्चो को अपना एटीएम कार्ड ना प्रयोग करने दें| उनके लिए अलग से
अकाउंट खुलवा कर देना एक अच्छा विकल्प है|
9 . एटीएम कार्ड पर 16 अन्क का एक कोड व अवधि आदि का उल्लेख होता है,
एटीएम कार्ड द्वारा भुगतान करने पर यही कोड व अवधि आदि का प्रयोग किया
जाता है, अत: अपने कार्ड को छिपा कर ही रखना बेहतर होता है|
10 . एटीएम कार्ड का प्रयोग एटीएम सेंटर पर बहुत सावधानी पूर्वक गुफ्त
रूप से करने हेतु केबिन होता है| अपने अधिकार का पूरा प्रयोग करें| एटीएम
सेंटर से जो पर्ची निकलती है उसको फाड़ कर ही कूड़ेदान में डालना चाहिए,
क्यूकी उस पर कोड अंकित होता है|
धोखाधडी होने का अंदेशा हो तो इसकी सूचना तत्काल बैंक कस्टमर केयर को फोन
करके देनी चाहिए और अपने अकाउंट लोक करवा के बड़े नुकसान से बचना चाहिए|
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Thankes