वह उस घटना को भूल गया था लेकिन 35 साल बाद अचानक एक दिन पुलिस ने उसके
घर पहुंचकर चौंका दिया।
वह दरअसल 1978 में चोरी हुए उसके पर्स को लौटाने आई थी। वह आश्चर्यचकित
रह गया। उसने पर्स खोलकर देखा तो उसमें मौजूद 15 पौंड को छोड़कर
ड्राइविंग लाइसेंस और तब खरीदा गया सिनेमा एवं बस का टिकट अब भी सुरक्षित
था। रकम चोर ने निकाल ली थी। दरअसल कुछ दिन पहले शहर की एक बिल्डिंग का
जीर्णोद्धार किया जा रहा था तो एक दीवार के भीतर छिपाया गया वह पर्स
मिला। पुलिस को सूचना दी गई। लाइसेंस में दिए गए पते पर पहुंचकर पुलिस ने
पर्स मालिक को वापस कर दिया। उस व्यक्ति का जब पर्स खोया था तब वह 23
वर्ष का युवा था। अब वह 58 साल का अधेड़ व्यक्ति है।
घर पहुंचकर चौंका दिया।
वह दरअसल 1978 में चोरी हुए उसके पर्स को लौटाने आई थी। वह आश्चर्यचकित
रह गया। उसने पर्स खोलकर देखा तो उसमें मौजूद 15 पौंड को छोड़कर
ड्राइविंग लाइसेंस और तब खरीदा गया सिनेमा एवं बस का टिकट अब भी सुरक्षित
था। रकम चोर ने निकाल ली थी। दरअसल कुछ दिन पहले शहर की एक बिल्डिंग का
जीर्णोद्धार किया जा रहा था तो एक दीवार के भीतर छिपाया गया वह पर्स
मिला। पुलिस को सूचना दी गई। लाइसेंस में दिए गए पते पर पहुंचकर पुलिस ने
पर्स मालिक को वापस कर दिया। उस व्यक्ति का जब पर्स खोया था तब वह 23
वर्ष का युवा था। अब वह 58 साल का अधेड़ व्यक्ति है।
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