बात लगती अजीब है पर सच यही है कि जरूरत की चीजों में कटौती और महंगाई का
रोना रोने वाले लोग भी बढि़या से बढि़या मोबाइल सेट को कपड़ों की तरह
बदलने में ज्यादा समय नहीं लगाते। क्या यह नए-नए फीचर्स को आजमाने की
चाहत है या है सोसाइटी में शान जमाने का तरीका, राय संगिनी सिटी की..
बाजार में नये-नये मॉडल हर रोज आ रहे है। जिन्होंने अभी हाल में ही कोई
नया सेट खरीदा है और लेटेस्ट तकनीक के नये वर्जन के आने से वह पैसा खर्च
करने के बाद भी पीछे रह जाते है, उनके लिए यह ठीक नहीं होता कि कुछ ही
दिनों में कम कीमत पर या उससे बेहतर फीचर्स का मोबाइल उतने ही दामों में
मार्केट में होता है। यह अच्छा उनके लिए होता है जिन्होंने अपने को रोक
रखा होता है।
निकिता
दिखावे में क्या रखा है? मोबाइल न सिर्फ संचार का साधन है बल्कि मनोरंजन
का जरिया भी बन गया है, लेकिन मंहगा मोबाइल खरीदना या फिर किसी को देखकर
मोबाइल खरीदना यह ठीक नहीं है। आप यह स्वयं तय करे कि आपको किस तरह के
सेट की जरूरत है? शोध बताते है कि इसका अधिक इस्तेमाल भी ठीक नहीं और फिर
दूसरे को देखकर आप अपना बजट बिगाड़ें, इसमें भला क्या बुद्घिमानी है?
शेफाली
90 प्रतिशत लोग तो मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ बात करने के लिए करते है,
शेष ऑप्शंस का वह इस्तेमाल ही नहीं करते है। इसीलिए मंहगे मोबाइल खरीदना
मतलब पैसे की बरबादी करना है। यह अपनी पोजीशन को शो ऑफ करने के अलावा कुछ
नहीं है। मोबाइल का उपयोग बहुत कुछ आपकी जेब पर निर्भर करता है। अपने ऊपर
संयम रखते हुये जरूरत के हिसाब से ही मोबाइल लेना चाहिए।
रोना रोने वाले लोग भी बढि़या से बढि़या मोबाइल सेट को कपड़ों की तरह
बदलने में ज्यादा समय नहीं लगाते। क्या यह नए-नए फीचर्स को आजमाने की
चाहत है या है सोसाइटी में शान जमाने का तरीका, राय संगिनी सिटी की..
बाजार में नये-नये मॉडल हर रोज आ रहे है। जिन्होंने अभी हाल में ही कोई
नया सेट खरीदा है और लेटेस्ट तकनीक के नये वर्जन के आने से वह पैसा खर्च
करने के बाद भी पीछे रह जाते है, उनके लिए यह ठीक नहीं होता कि कुछ ही
दिनों में कम कीमत पर या उससे बेहतर फीचर्स का मोबाइल उतने ही दामों में
मार्केट में होता है। यह अच्छा उनके लिए होता है जिन्होंने अपने को रोक
रखा होता है।
निकिता
दिखावे में क्या रखा है? मोबाइल न सिर्फ संचार का साधन है बल्कि मनोरंजन
का जरिया भी बन गया है, लेकिन मंहगा मोबाइल खरीदना या फिर किसी को देखकर
मोबाइल खरीदना यह ठीक नहीं है। आप यह स्वयं तय करे कि आपको किस तरह के
सेट की जरूरत है? शोध बताते है कि इसका अधिक इस्तेमाल भी ठीक नहीं और फिर
दूसरे को देखकर आप अपना बजट बिगाड़ें, इसमें भला क्या बुद्घिमानी है?
शेफाली
90 प्रतिशत लोग तो मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ बात करने के लिए करते है,
शेष ऑप्शंस का वह इस्तेमाल ही नहीं करते है। इसीलिए मंहगे मोबाइल खरीदना
मतलब पैसे की बरबादी करना है। यह अपनी पोजीशन को शो ऑफ करने के अलावा कुछ
नहीं है। मोबाइल का उपयोग बहुत कुछ आपकी जेब पर निर्भर करता है। अपने ऊपर
संयम रखते हुये जरूरत के हिसाब से ही मोबाइल लेना चाहिए।
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Thankes