भारतीय ज्ञान को हमेशा विश्व में माना जाता रहा है। दुनियाभर में भारतीय
लोग अपनी बुद्धि-कौशल से कंपनियों को ऊंचाई पर ले जा रहे हैं।
इन्हीं में एक नाम है नील मोहन का। नील मोहन को गूगल ने 100 मिलियन डॉलर
(करीब 544 करोड़) का बोनस दिया है। यह बोनस गूगल ने नील मोहन को इसलिए
दिया है कि कहीं वे ट्विटर न ज्वॉइन कर लें।
भारतीय मूल के 39 वर्षीय नील मोहन गूगल में एडवरटाइजिंग प्रोडक्ट्स के
वाइस प्रेसीडेंट हैं। ट्विटर ने उन्हें प्रॉडक्ट चीफ के पद का ऑफर दिया
था। गूगल उनके टैलेंट का भरपूर उपयोग करना चाहती है। नील दूसरे ऐसे
व्यक्ति हैं जिन्हें गूगल ने सबसे ज्यादा बोनस दिया है।
गूगल के चेयरमैन इरिक श्मिट को इससे पहले गूगल ने 101 मिलियन डॉलर दिए
थे। नील मोहन का बचपन फ्लोरिडा और मिशिगन में बीता। उन्होंने इलेक्ट्रिक
इंजीनियरिंग और एमबीए की डिग्री स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ली है। गूगल
ने नील को यह बोनस कंपनी के शेयर के तौर रूप में दिया है।
गूगल के शेयरों की वर्तमान कीमत के अनुसार नील के शेयरों की कीमत 100
मिलियन डॉलर से बढ़कर 150 मिलियन डॉलर हो गई है। भारतीय रुपए में यह राशि
लगभग 817 करोड़ रुपए हो जाएगी। नील के दोस्तों का कहना है कि नील में
टेक्नोलॉजी की समझ है और वे व्यापारिक रणनीति पर जबर्दस्त पकड़ रखते हैं।
नील मोहन फिलहाल सेन फ्रांसिस्को में अपनी पत्नी के साथ आलीशान मकान में
रहते हैं। इस मकान की कीमत लगभग 5.2 मिलियन डॉलर है। मोहन की पत्नी हेमा
सरीम कैलिफोर्निया में डेमोक्रेटिक स्टेट सिनेटर की क्षेत्रीय निदेशक
हैं।
नील मोहन ने अपने करियर की शुरुआत एक टेक्निकल कंपनी में सहायक वर्कर के
रूप में बहुत छोटे मेहनताने में की थी। 2008 में मोहन अपनी पिछली कंपनी
डबल क्लिक से गूगल में आए। डबल क्लिक को बिजनेस वर्ल्ड में एक
एडवरटाइजिंग कंपनी के रूप में जाना जाता है। इसके बाद उन्होंने अपनी
दूरदर्शिता और रणनीतियों से गूगल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
लोग अपनी बुद्धि-कौशल से कंपनियों को ऊंचाई पर ले जा रहे हैं।
इन्हीं में एक नाम है नील मोहन का। नील मोहन को गूगल ने 100 मिलियन डॉलर
(करीब 544 करोड़) का बोनस दिया है। यह बोनस गूगल ने नील मोहन को इसलिए
दिया है कि कहीं वे ट्विटर न ज्वॉइन कर लें।
भारतीय मूल के 39 वर्षीय नील मोहन गूगल में एडवरटाइजिंग प्रोडक्ट्स के
वाइस प्रेसीडेंट हैं। ट्विटर ने उन्हें प्रॉडक्ट चीफ के पद का ऑफर दिया
था। गूगल उनके टैलेंट का भरपूर उपयोग करना चाहती है। नील दूसरे ऐसे
व्यक्ति हैं जिन्हें गूगल ने सबसे ज्यादा बोनस दिया है।
गूगल के चेयरमैन इरिक श्मिट को इससे पहले गूगल ने 101 मिलियन डॉलर दिए
थे। नील मोहन का बचपन फ्लोरिडा और मिशिगन में बीता। उन्होंने इलेक्ट्रिक
इंजीनियरिंग और एमबीए की डिग्री स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ली है। गूगल
ने नील को यह बोनस कंपनी के शेयर के तौर रूप में दिया है।
गूगल के शेयरों की वर्तमान कीमत के अनुसार नील के शेयरों की कीमत 100
मिलियन डॉलर से बढ़कर 150 मिलियन डॉलर हो गई है। भारतीय रुपए में यह राशि
लगभग 817 करोड़ रुपए हो जाएगी। नील के दोस्तों का कहना है कि नील में
टेक्नोलॉजी की समझ है और वे व्यापारिक रणनीति पर जबर्दस्त पकड़ रखते हैं।
नील मोहन फिलहाल सेन फ्रांसिस्को में अपनी पत्नी के साथ आलीशान मकान में
रहते हैं। इस मकान की कीमत लगभग 5.2 मिलियन डॉलर है। मोहन की पत्नी हेमा
सरीम कैलिफोर्निया में डेमोक्रेटिक स्टेट सिनेटर की क्षेत्रीय निदेशक
हैं।
नील मोहन ने अपने करियर की शुरुआत एक टेक्निकल कंपनी में सहायक वर्कर के
रूप में बहुत छोटे मेहनताने में की थी। 2008 में मोहन अपनी पिछली कंपनी
डबल क्लिक से गूगल में आए। डबल क्लिक को बिजनेस वर्ल्ड में एक
एडवरटाइजिंग कंपनी के रूप में जाना जाता है। इसके बाद उन्होंने अपनी
दूरदर्शिता और रणनीतियों से गूगल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
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Thankes