आप जब भी किसी फोटो को देखते हैं तो लगता है कि वो पूरी तरह से एक ही
एलीमेंटस से बनी हुई है लेकिन जनाब ऐसा नहीं है। दरअसल, जो भी पिक्चर या
फोटो हम देखते है वो बहुत छोटे टुकड़ों या बिंदुओ से मिलकर बनी होती है
जिसे पिक्सल कहा जाता है। कम्प्यूटर से लेकर तमाम डिजिटल उपकरणों पर
दिखने वाली तस्वीरें पिक्सलों से मिलकर ही बनती हैं। अहम बात ये है कि
पिक्सल किसी भी फोटो को मापने का पैमाना नहीं है।
सीधे तौर पर इसे इस तरह समझा जा सकता है कि जिस फोटो में जितने ज्यादा
पिक्सल होंगे वो फोटो उतनी ही ज्यादा स्पष्ट होगी। कम्प्यूटर के मॉनीटर
पर या टीवी स्क्रीन पर कोई भी फोटो लाखों पिक्सल्स से मिलकर बनी होती है।
हर एक पिक्सल आठ या उसके गुणक में रंग ग्रहण करता है। बिट को इसकी इकाई
माना जाता है। अगर किसी पिक्सल में 24 बिट हैं तो वह अधिकतम 16 लाख रंगों
को दिखा सकता है।
एक मॉनीटर का पिक्सल तीन रंगों के बिंदुओ से बने होते हैं ये रंग हैं
लाल, हरा और बैगनी। ये तीनो रंग किसी पिक्सल में घुले मिले होते हैं।
डिजिटल कैमरों के लिए मेगापिक्सल शब्द का इस्तेमाल किया जाता है जो
पिक्सल से भी छोटी इकाई है। मेगापिक्सल्स कैमरों को बेहतर माना जाता है।
एलीमेंटस से बनी हुई है लेकिन जनाब ऐसा नहीं है। दरअसल, जो भी पिक्चर या
फोटो हम देखते है वो बहुत छोटे टुकड़ों या बिंदुओ से मिलकर बनी होती है
जिसे पिक्सल कहा जाता है। कम्प्यूटर से लेकर तमाम डिजिटल उपकरणों पर
दिखने वाली तस्वीरें पिक्सलों से मिलकर ही बनती हैं। अहम बात ये है कि
पिक्सल किसी भी फोटो को मापने का पैमाना नहीं है।
सीधे तौर पर इसे इस तरह समझा जा सकता है कि जिस फोटो में जितने ज्यादा
पिक्सल होंगे वो फोटो उतनी ही ज्यादा स्पष्ट होगी। कम्प्यूटर के मॉनीटर
पर या टीवी स्क्रीन पर कोई भी फोटो लाखों पिक्सल्स से मिलकर बनी होती है।
हर एक पिक्सल आठ या उसके गुणक में रंग ग्रहण करता है। बिट को इसकी इकाई
माना जाता है। अगर किसी पिक्सल में 24 बिट हैं तो वह अधिकतम 16 लाख रंगों
को दिखा सकता है।
एक मॉनीटर का पिक्सल तीन रंगों के बिंदुओ से बने होते हैं ये रंग हैं
लाल, हरा और बैगनी। ये तीनो रंग किसी पिक्सल में घुले मिले होते हैं।
डिजिटल कैमरों के लिए मेगापिक्सल शब्द का इस्तेमाल किया जाता है जो
पिक्सल से भी छोटी इकाई है। मेगापिक्सल्स कैमरों को बेहतर माना जाता है।
0 comments:
Post a Comment
Thankes