डाकघर बचत बैंक के ग्राहकों को भी शीघ्र ही बैंकिंग के स्मार्ट तरीकों,
इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग की सुविधा मिलेगी। इसके लिए तैयारी शुरू
हो गई है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो अगले महीने यह सेवा शुरू कर दी जाएगी।
अमेरिकी कंपनी वेस्टर्न यूनियन और भारतीय डाक के गठबंधन के 15 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अमर उजाला से अलग से बातचीत में डाक सेवा बोर्ड (पीएसबी) के सदस्य (बैंकिंग) एम एस रामानुजम ने बताया कि डाकघर बचत बैंक के कंप्यूटरीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। इस समय देश भर के 20,500 डाकघरों में कोर बैंकिंग सुविधा (सीबीएस) शुरू हो चुकी है। इसके दायरे में 25,000 डाकघरों को लाने का लक्ष्य है। इसी के साथ इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सेवा भी देने पर काम चल रहा है, जो कि अगले महीने तक शुरू कर दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया के तहत देश के डाकघरों में बैंकिंग सुविधा को काफी हाईटेक बनाने का लक्ष्य रखा है। डाक विभाग इस समय इसके लिए तेजी से कार्य कर रहा है। काम में तेजी का अंदाजा इसी से लगता है कि मई 2014 तक इस सुविधा से सिर्फ 230 डाकघरों की शाखाएं ही जुड़ी थीं, जो कि अभी 20,500 पर पहुंच गई हैं। देश में इस समय 1.55 लाख डाकघरों के जरिये बचत बैंक की सुविधा दी जा रही है।
डाक विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कोर बैंकिंग सुविधा के तहत ही एटीएम और इंटरनेट बैंकिंग सुविधा का प्रावधान किया जा रहा है। यह सब काम पूरा हो जाने के बाद डाक विभाग का पेमेंट बैंक खुलेगा। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने 7 सितंबर 2015 को डाक विभाग को पेमेंट बैंक की स्थापना की सैद्धान्तिक मंजूरी दी थी।
अमेरिकी कंपनी वेस्टर्न यूनियन और भारतीय डाक के गठबंधन के 15 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अमर उजाला से अलग से बातचीत में डाक सेवा बोर्ड (पीएसबी) के सदस्य (बैंकिंग) एम एस रामानुजम ने बताया कि डाकघर बचत बैंक के कंप्यूटरीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। इस समय देश भर के 20,500 डाकघरों में कोर बैंकिंग सुविधा (सीबीएस) शुरू हो चुकी है। इसके दायरे में 25,000 डाकघरों को लाने का लक्ष्य है। इसी के साथ इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सेवा भी देने पर काम चल रहा है, जो कि अगले महीने तक शुरू कर दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया के तहत देश के डाकघरों में बैंकिंग सुविधा को काफी हाईटेक बनाने का लक्ष्य रखा है। डाक विभाग इस समय इसके लिए तेजी से कार्य कर रहा है। काम में तेजी का अंदाजा इसी से लगता है कि मई 2014 तक इस सुविधा से सिर्फ 230 डाकघरों की शाखाएं ही जुड़ी थीं, जो कि अभी 20,500 पर पहुंच गई हैं। देश में इस समय 1.55 लाख डाकघरों के जरिये बचत बैंक की सुविधा दी जा रही है।
डाक विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कोर बैंकिंग सुविधा के तहत ही एटीएम और इंटरनेट बैंकिंग सुविधा का प्रावधान किया जा रहा है। यह सब काम पूरा हो जाने के बाद डाक विभाग का पेमेंट बैंक खुलेगा। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने 7 सितंबर 2015 को डाक विभाग को पेमेंट बैंक की स्थापना की सैद्धान्तिक मंजूरी दी थी।
0 comments:
Post a Comment
Thankes