महाभारत काल में द्रौपदी और पांच पांडवों के संबंध में सभी जानते हैं। पांडवों ने मां की आज्ञा का पालन किया और द्रौपदी ने सभी भाइयों को पति माना। लेकिन आज के जमाने में ऐसा संभव नहीं। हम और आप तो आज तक यही मानते आए थे। लेकिन हम गलत हैं क्योंकि आज के जमाने में भी बहुपति विवाह की परंपरा जीवित है। यहां दो या तीन नहीं एक पत्नी के आठ पति भी हैं।
पांचाली की इस परंपरा को जीवित रखने में मध्य प्रदेश के मुरैना जिले का खासा हाथ है। यहां एक दुल्हन एक ही परिवार के सभी भाइयों से शादी करती है। शादी के बाद वह बारी-बारी से उन पुरुषों के साथ रहती है। हालांकि ऐसी रस्म खुशी से नहीं बल्कि मजबूरी से मनाई जाती है।
यहां बसे एक जाति एवं धर्म विशेष के लोगों में लड़कियों की कमी के चलते इस गांव के लोगों ने ये नियम बनाया है। इसके तहत गांव के जिस भी घर में लड़कों की संख्या एक से ज्यादा है वे सभी मिलकर सिर्फ एक ही लड़की से शादी करेंगे। इसके चलते गांव के लगभग सभी घरों में एक ही बहू है जबकि उसके पतियों की संख्या एक से ज्यादा है।
यदि परिवार का कोई भाई अकेले शादी कर दुल्हन लाता है तो उस पर उसके भाइयों का भी बराबर का हक होगा। सराय छोला में रहने वाले व्यक्ति ने नाम न बताने की शर्त पर बताया है कि उनके समाज में लड़कियों की कमी है जिसकी वजह से ऐसा हो रहा है। उनके अनुसार पूरे गांव में गिने चुने परिवार ही ऐसे हैं जिनमें किसी लड़की का एक ही पति है। वरना पिछले कुछ सालों में जितनी भी शादियां हुई हैं उनमें हर लड़की के एक से ज्यादा पति हैं। कई लड़कियां तो ऐसी हैं जिनके आठ पति भी हैं।
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